7 दिन, 2 सुसाइड, एक IPS-एक ASI… दोनों की आत्महत्या का क्या कनेक्शन? उलझ गया वाई पूरन कुमार का केस
हरियाणा में एडीजीपी लेवल के अधिकारी की खुदकुशी के ठीक 7 दिन बाद एक एएसआई की खुदकुशी का मामला सामने आया है. पिछले सात दिनों में हरियाणा पुलिस विभाग न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. अब इस चर्चा में एक और नया मोड़ आ गया है. ASI संदीप की खुदकुशी के बाद अब तक जो सवाल पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ उठ रहे थे अब खुदकुशी कर चुके आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.
जहां एक ओर आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जातिगत प्रताड़ना का हवाला दिया है, वहीं आज एएसआई संदीप कुमार ने खुदकुशी से पहले उन पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाया है. चलिए समझते हैं इस पूरे मामले में शुरू से क्या-क्या हुआ…
7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ पुलिस को कॉल आई जिसमें उन्हें पता चला कि ADGP वाई पूरन कुमार ने अपने बंगले पर खुद को गोली मार ली है. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उनके शव को बरामद किया. आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी हैं और जब उन्होंने खुदकुशी की वह हरियाणा सीएम के साथ डेलिगेशन में जापान गईं थीं. जब वह वापस लौंटी तो उन्होंने अपने पति की मौत पर शोक जताया.
वाई पूरन कुमार के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत अन्य 12 पुलिस अधिकारियों के नाम लिखे हैं. वाई पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें जातिगत प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. उन्होंने लिखा कि अब उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए वह ये कदम उठा रहे हैं.
पूरन कुमार के सुसाइड नोट में आरोप
एडीजीपी वाई पूरन कुमार की खुदकुशी के बाद उनके परिवार ने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम शामिल हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की और सख्त एक्शन की डिमांड की. परिवार ने आरोप लगाया कि वाई पूरन ने पुलिस महकमे में दूसरे अधिकारियों से लगातार प्रताड़ना की वजह से खुदकुशी की है. परिवार ने जांच की मांग की. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. हालांकि पूरन कुमार के परिवार ने उस पर भी सवाल उठाए और सभी आरोपियों को नामजद नहीं करने की बात उठाई. 2 दिन बाद सीएम नायब सिंह सैनी पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और इस दौरान भी उनके परिवार ने न्याय की गुहार लगाई.
नहीं हो सका पोस्टमार्टम
आईएएस अमनीत पी कुमार लगातार पति की खुदकुशी के बाद उनके लिए न्याय की मांग कर रही हैं, इस दौरान उनके परिवार ने अभी तक वाई पूरन कुमार के शव को पोस्टमार्टम भी नहीं होने दिया है. उनका कहना है कि जब तक प्रताड़ित करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होगी वह पोस्टमार्टम की परमिशन नहीं देंगी.
खुदकुशी के 7 दिन बाद भी उनका शव हॉस्पिटल में रखा हुआ है और उसका पोस्टमार्टम नहीं हो सका है. हालांकि मंगलवार (14-10-2025) को पुलिस सिटी कोर्ट पहुंची है और पोस्टमार्टम को लेकर अपील दायर की है कि पोस्टमार्टम में देरी से सबूत मिट सकते हैं. ऐसे में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इस मामले में कोर्ट ने पूरन कुमार के परिवार को नोटिस जारी किया है.
ASI की खुदकुशी से बदला मामला
वाई पूरन कुमार की खुदकुशी का मामला फिलहाल पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां दलितों पर अत्याचार से जोड़कर देखा जा रहा है. इस मामले में वाल्मीकि समाज ने भी महापंचायत की थी और डीजीपी को हटाने की मांग की थी. इस मामले में अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है. हरियाणा के रोहतक के साइबर सेल में तैनात ASI संदीप कुमार की खुदकुशी और सुसाइड नोट के सामने आने के बाद यह कहानी पूरी तरह पलटती हुई दिख रही है. एएसआई ने खुदकुशी से पहले एक चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है साथ ही उन्होंने करीब 6 मिनट की एक वीडियो भी बनाई है.
इस वीडियो में उन्होंने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपनी वीडियो में इस बात का जिक्र किया है कि पूरन कुमार खुद विभाग में जातिवाद फैलाते थे और भ्रष्टाचार करते थे. उन्होंने सभी पदों पर अपने लोगों को सेट किया था जिनसे वह वसूली करवाते थे. इतना ही नहीं एएसआई संदीप ने पूरन कुमार के पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने यहां तक कहा है कि गिरफ्तारी के डर से पूरन कुमार ने खुदकुशी कर ली है. अब दोनों ही मामले में पुलिस फिलहाल कार्रवाई में जुट गई है.
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