बैंक लूट के लिए लगाया केमिस्ट्री का फार्मूला, M.Phil-क्लैट एग्जाम पास युवक कैस बन गया लुटेरा?

बैंक लूट के लिए लगाया केमिस्ट्री का फार्मूला, M.Phil-क्लैट एग्जाम पास युवक कैस बन गया लुटेरा?

ये कहानी है एक ऐसे लुटेरे की जोकि पढ़ाई में काफी होनहार था. एमएससी-एमफिल की डिग्री इसके पास थी. रसायन विज्ञान के फॉर्मूले इसे जुबानी याद थे. क्लैट परीक्षा पास किया. घरवालों को उम्मीद थी कि बेटा एक दिन बड़ा अफसर बनेगा. लेकिन इसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. उसे जल्दी अमीर बनना था. इसके लिए उसने अपराध का रास्ता चुना. वह बैंक सहित ज्वेलरी दुकानों में लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा. हालांकि, अब उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. इसका नाम शुभम (32) है.

शुभम दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से एमएससी और एमफिल पास है. पुलिस जांच में सामने आया है कि शुभम को रसायन विज्ञान की अच्छी नॉलेज है. उसने रासायनिक पदार्थों को मिलाकर एक ‘धुआं बम (Smoke Bomb)’ तैयार किया था, जिसका इस्तेमाल उसने 2017 में बैंक लूट के दौरान किया था.

किरोड़ीमल कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की

शुभम ने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से बीएससी (ऑनर्स) रसायन विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की थी. इसके बाद उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही एमएससी और एमफिल की डिग्री हासिल की. इतना पढ़ा-लिखा होने के बावजूद उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. वर्ष 2017 में उसने बिहार के सीतामढ़ी जिले में बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में लूट की वारदात को अंजाम दिया. उस समय उसने अपने बनाए हुए धुएं वाले बम का इस्तेमाल कर कर्मचारियों को भ्रमित किया और कैश लेकर फरार हो गया. हालांकि, जल्द ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

जमानत मिलने के बाद शुभम दिल्ली भाग आया और कुछ समय तक शांत रहा. लेकिन जल्द ही उसने फिर से आपराधिक गतिविधियों की ओर रुख किया. वर्ष 2021 में उसने दिल्ली के दो ज्वेलरी शोरूमों में लूट की घटनाएं कीं. पुलिस ने उस समय भी उसे गिरफ्तार किया था, मगर वह जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से फरार हो गया. अदालत में पेश न होने के कारण कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया.

अपराध शाखा के डीसीपी हर्ष इंदौरा के अनुसार, 9 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली कि मॉडल टाउन इलाके में दो ज्वेलरों से लूट के मामलों में फरार चल रहा शुभम हरिनगर, सोहना या गुरुग्राम इलाके में छिपा हो सकता है. जानकारी के आधार पर इंस्पेक्टर सतीश मलिक की अगुवाई में एक टीम बनाई गई. रणनीति के तहत जाल बिछाया गया और कुछ ही घंटों में शुभम को पकड़ लिया गया.

सीतामढ़ी का रहने वाला है शुभम

शुभम बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है, लेकिन 1990 के दशक में परिवार दिल्ली के बुराड़ी इलाके में आकर बस गया था. शुभम के पिता एक कारोबारी हैं, जबकि बड़ा भाई इंजीनियर है. शुभम ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नानी के घर रहकर बिहार के एक नामी स्कूल से की और 12वीं पास करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस स्थित किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लिया.

एमएससी और एमफिल के बाद शुभम ने क्लैट परीक्षा पास कर एलएलबी की पढ़ाई भी शुरू की थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसने पढ़ाई बीच में छोड़ दी. उसी समय उसने आसान पैसे की चाह में अपराध की राह चुन ली. पुलिस के अनुसार, शुभम न केवल पढ़ा-लिखा, बल्कि तकनीकी रूप से कुशल और बेहद चालाक अपराधी है.

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