गोरखपुर में PWD की गलती से गिरा घर:परिवार ने खेत में बिताई रात, सुबह चिप्स-बिस्कुट खाकर भरा पेट, नहीं जला चूल्हा

घर गिर गया, कुछ हिस्सा बचा है, वह भी हिल रहा है, कब ढह जाएगा कोई भरोसा नहीं है। सोने की जगह नहीं बची। पूरे परिवार ने घर के पीछे खेत में खाट डालकर जैसे-तैसे रात काटी है। रात से ही घर में चूल्हा नहीं जला था। सुबह दुकान से चिप्स और बिस्कुट मंगाकर बच्चों काे खाने के लिए दिया है। घर गिरने के बाद पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और ठेकेदार भाग गए। राम गोपाल गुप्ता और उनके परिवार ने यह बातें कहीं… शनिवार शाम घर गिरने के बाद उन्हें रहने खाने की परेशानी हो रही है। पूरा परिवार खेत में समय बिता रहा है। राम गोपाल के 3 बेटे हैं। परिवार में बहू-बेटे और बच्चों को लेकर कुल 12 लोग है। इसमे दोनों बेटे बाहर रहकर कमाते हैं। राम गोपाल गुप्ता का बड़ा बेटा रवि घर रहता है। घर पर महिलाओं और बच्चों के साथ कुल 12 लोग रहते हैं। राम गोपाल गुप्ता की पोती श्रेया गुप्ता 12वीं क्लास में पढ़ती है। श्रेया ने बताया- रात के समय जब घर का आगे का हिस्सा गिरा था, तब मैं पढ़ रही थी। शोर सुनकर पीछे से भागी। बाहर मम्मी पापा सभी चिल्ला रहे थे। रात से ही हम लोग घर गिरने की वजह से खेत में समय बिता रहे हैं। राम गोपाल की बड़ी बहू शोभा गुप्ता ने बताया- घर में रात से ही चूल्हा नहीं जला है। सुबह बच्चों को भूख लगी तो चिप्स-बिस्कुट खरीदकर दिया गया है। लेकिन कब तक इस तरह बिताएंगे। कोई जिम्मेदार आकर कुछ बता भी नहीं रहा है। ऐसे में अब आगे की चिंता परिवार को सता रही है। पीडब्ल्यूडी के जेई शैलेश सिंह दोपहर करीब 12:30 बजे जगदीश टोला में राम गोपाल गुप्ता के घर पहुंचे। शैलेश सिंह का कहना है कि जांच कर उचित मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन अब परिवार कहां रहेगा, इस बारे में वह कुछ नहीं बता पाए। जगदीशपुर में सुबह से ही राम गोपाल गुप्ता का घर देखने आने वालों की भीड़ लगी रही। सभी लोग पीडब्ल्यूडी की बड़ी लापरवाही बता रहे हैं। राम गोपाल गुप्ता का कहना है कि मैंने पोकलैंड से नाला खोदने से मना किया था। पोकलैंड लगाने के बाद से ही घर हिल रहा था। ठेकेदार और इंजीनियर से यह बात बताई। तब इंजीनियर ने कहा- कोई नुकसान होगा तो उसका मुआवजा दिया जाएगा। तब मैंने कहा किसी की जान चली जाएगी तब क्या करेंगे। इस पर वह चुप हो गए। इसके बाद अपना काम चालू रखे। इस तरह भरभरा कर गिरा घर गुलरिहा थाना क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी सड़क चाैड़ीकरण का काम करा रहा है। इस दौरान वहां पोकलैंड से एक नाले की खुदाई चल रही थी। तभी नाले से सटा मकान भर-भराकर गिर गया। गनीमत रही घर के सदस्य बाल-बाल बच गए। इस घटना के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। शोर होता देख पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और ठेकेदार समेत काम करने वाले मजदूर भाग निकले। इस दौरान गांव के लोगों ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पूरा मामला जानिए… गुलरिहा क्षेत्र के टिकरिया बालापार में सड़क चौड़ीकरण काम पीडब्ल्यूडी करा रहा है। शनिवार शाम करीब 6 बजे ग्राम सभा मंगलपुर के जगदीपुर टोला में पोकलैंड से नाला खुदाई का काम चल रहा था। नाले से से सटे रामगोपाल गुप्ता का घर है। जिसमे 9 लोग रहते हैं। रामगोपाल ने बताया- पोकलैंड से नाला खोदते समय घर में कंपन हुआ। तब इंजीनियर और ठेकेदार से कहा गया कि पोकलैंड से नाला की खुदाई न कराएं। मजदूरों को लगाकर यह काम कराया जाए। इसके बाद भी वे नहीं माने। ठेकेदार बोला कुछ नहीं होगा। यह कहते पाेकलैंड से खुदाई जारी रखी। लोग खुद ही आ गए थे बाहर, हादसे से बच गए सभी रामगोपाल ने बताया- सुरक्षा के लिहाज से परिवार के लोग बाहर आ गए थे। तभी अचानक भर-भराकर घर के आगे का पूरा हिस्सा गिर गया। इससे पूरा घर क्रैक हो गया। वहीं बगल में स्थित श्याम बिहारी गुप्त के घर की दीवार भी क्रैक हाे गई। गनीमत रहा कि दोनों ही परिवार सुरक्षित बच गया। इस दौरान घर का कोई सदस्य अंदर नहीं था। जेई और ठेकेदार पोकलैंड मशीन छोड़कर कर्मचारियों के साथ भाग गए। रामगोपाल का कहना है कि मकान का बाकी हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। वह कभी भी गिर सकता है। घर के अंदर खड़ी दो बाइक और अन्य जरूरी सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे। गुलरिहा थाना से संबंधित सरहरी चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर से कॉल कर बात की। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने सुबह आने का आश्वासन दिया है।

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