Viral: ‘मां का एक्सीडेंट हुआ है’, कर्मचारी ने मांगा WFH, कंपनी ने देने से किया मना, इंटरनेट पर छिड़ी बहस

Viral: ‘मां का एक्सीडेंट हुआ है’, कर्मचारी ने मांगा WFH, कंपनी ने देने से किया मना, इंटरनेट पर छिड़ी बहस

भारत में ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं, जो अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ यानी घर से काम करने की सुविधा भी देती हैं. खासकर कोविड के आने के बाद से जिन कंपनियों में ये सुविधा नहीं मिलती थी, उनमें भी जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ दिया जाता है. हालांकि अभी भी कई कंपनियां ऐसी हैं, जो ‘वर्क फ्रॉम होम’ देने के नाम पर कतराती हैं. ऐसा ही एक मामला इन दिनों काफी चर्चा में है, जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है. लोग पूरा मामला जानने के बाद कंपनी पर भड़क गए हैं और जमकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.

दरअसल, मामला ये है कि बेंगलुरु स्थित एक आईटी प्रोफेशनल ने अपनी मां के सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद एक महीने तक घर से काम करने की कंपनी से इजाजत मांगी थी, जिसे देने से कंपनी ने इनकार कर दिया. हैरानी की बात तो ये है कि महिला कर्मचारी ने सबूत के तौर पर कंपनी को अस्पताल और पुलिस के डॉक्यूमेंट्स भी दिए थे, लेकिन फिर भी कंपनी ने उसे ‘वर्क फ्रॉम होम’ नहीं दिया.

ये मामला तब चर्चा में आया जब एक रेडिट यूजर ने फोरम r/India पर इसके बारे में पोस्ट किया और कैप्शन में लिखा, ‘भारतीय वर्क कल्चर वास्तव में पागलपन भरा है’. उसकी ये पोस्ट तुरंत ही वायरल हो गई, जिसके बाद लोगों ने भारतीय कॉर्पोरेट जगत की कठोर कार्य नीतियों और सहानुभूति की कमी की खूब आलोचना हुई.

एक्सीडेंट में घायल हुई मां

रेडिट पोस्ट के मुताबिक, महिला की मां और उसके चाचा की बाइक का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसकी मां का हाथ टूट गया और उसके चाचा के हाथ और चेहरे पर सूजन और चोट के निशान आ गए. ऐसे में महिला ने एक महीने के लिए घर से काम करने की अनुमति मांगी ताकि वह अपनी घायल मां की देखभाल कर सके. इसके बाद कंपनी ने उससे दुर्घटना का सबूत मांगा, जिसके बाद महिला ने उन्हें एमआरआई स्कैन और पुलिस रिपोर्ट भेज दी. फिर कंपनी ने एक मीटिंग रखी और महिला को ये कहते हुए वर्क फ्रॉम होम देने से मना कर दिया कि टीम में लोग कम हैं.

यहां देखें वायरल पोस्ट

Indian work culture is actually insane
byu/fayazara inindia


अब सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट किया है, ‘मैंने हमेशा सुना है कि बड़ी कंपनियों में सहानुभूति की कमी होती है, लेकिन सच कहूं तो ऐसा होते देखना अलग ही एहसास देता है. यह घिनौना है’, तो एक अन्य यूजर ने लिखा है, ‘हमें कर्मचारियों को प्रोटेक्ट करने के लिए बेहतर कानून की जरूरत है’.

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