अयोध्या में रावत मंदिर के महंत की मौत:खाना खाने के बाद मुंह से झाग निकलने लगा, 8 करोड़ की जमीनें बेची थी
अयोध्या के रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास की शनिवार शाम को मौत हो गई। खाना खाने के बाद अचानक उनके मुंह से झाग निकली। शिष्यों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी मौत हो गई। मौत की वजहें अभी स्पष्ट नहीं है। महंत राम मिलन दास की अयोध्या के रामघाट इलाके में जमीन थी। यह जमीन दो माह पहले लगभग 8 करोड़ रुपए में बेची गई थी। ये रुपए उनके अकाउंट में आए थे। जबकि महंत के खाते में डेढ़ करोड़ रुपए पहले से भी थे। कोतवाली प्रभारी मनोज शर्मा ने कहा- मौत की वजहें अभी साफ नहीं है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं जमीन बेचने के बाद मिले रुपए तो इस मौत के पीछे नहीं। पुलिस ने महंत की सेवा करने वाली नौकरानी शकुंतला (40) को हिरासत में ले लिया है। शकुंतला 13 साल से महंत की सेवा में थी। इसके पहले उसकी मां आश्रम की सेवा में थीं। महंत राम मिलन दास (48) 15 वर्षों से रावत मंदिर के महंत थे। अब विस्तार से पढ़िए पूरा मामला…. महंत के शिष्यों ने बताया कि महंत राम मिलन दास ने रामायणी शनिवार को शाम करीब सात बजे भोजन किया। सेविका शकुंतला ने उनको भोजन कराया। थोड़ी ही देर बाद शकुंतला चिल्लाते हुए बाहर निकली। आवाज सुनकर उनके सारे शिष्य मौके पर पहुंचे। महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा था। आनन फानन में उनको श्रीराम अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर्स ने उनकी जांच की लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। अस्पताल में ही किसी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी। महंत की मौत की सूचना के बाद दिगंबर अखाड़ा के महंत रामलखन दास, वामन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण और राधा मोहन कुंज के महंत सुदर्शन दास भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा- महंत राम मिलन दास की मौत कैसे हुई, यह स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने पोस्टमॉर्टम कराने की मांग भी की। मंदिर में शिष्यों ने बताया कि मौत के एक दिन पहले ही दिगंबर अखाड़े के संतों के साथ उन्होंने सामूहिक भोजन किया था तक वह एकदम स्वस्थ थे। डीएम-एसएसपी पहुंचे अस्पताल महंत की मौत की जानकारी मिलते ही डीएम और एसएसपी श्रीराम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मौके पर मौजूद संतों और सेवादारों से जानकारी ली। जब उनसे मौत के कारणों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अधिकारियों ने कुछ महंतों के साथ करीब आधे घंटे तक बातचीत की, लेकिन क्या बातचीत हुई ये अभी सामने नहीं आया। 15 साल से संभाल रहे थे रावत मंदिर की गद्दी राम मिलन दास कुशीनगर जिले के बड़ हरवा गांव के रहने थे। वह पिछले 15 सालों से रावत मंदिर के महंत थे। उनके गुरु राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संतों में रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी करीबी थी। अयोध्या दौरे पर सीएम योगी ने कई बार रावत मंदिर जाकर उनसे मुलाकात की। ——————————— ये खबर भी पढ़ें : साले-साली को चाकू से गोदकर मार डाला:साली से शादी करना चाहता था बहनोई; प्रयागराज में मां बोलीं- अगले महीने बेटे की शादी थी साली से एकतरफा प्यार में जीजा ने डबल मर्डर कर दिया। उसने साले से दूसरी शादी की रजामंदी चाही। नाराज साले ने जीजा को पीट दिया। इसके बाद जीजा ने चाकू से साले और साली को मार डाला। दोनों को तब तक चाकू मारे, जब तक उनकी सांसें थम नहीं गईं। पढ़ें पूरी खबर…
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