ललितपुर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद, शहर के अपर जोन स्थित मोहल्ला सिविल लाइन और गांधी नगर के लगभग 5 हजार निवासियों को एक माह से दूषित पानी मिल रहा है। नलों से आ रहा पानी इतना गंदा है कि लोग इसे पीने तो दूर, दैनिक उपयोग में भी नहीं ला पा रहे हैं। निवासियों की शिकायतों के बाद, शुक्रवार सुबह 6 बजे जल संस्थान के अधिकारियों ने मोहल्ले का दौरा किया। उन्होंने घर-घर जाकर नलों में आ रहे पानी की जांच की, जिसमें दूषित पानी पाया गया। अधिकारियों ने कई गलियों में लीकेज की तलाश की, लेकिन कोई लीकेज नहीं मिला। गांधीनगर, नईबस्ती और सिविल लाइन क्षेत्रों में एक महीने से दूषित पानी की समस्या बनी हुई है। स्थानीय निवासी भूपेंद्र भार्गव ने बताया कि पानी इतना गंदा है कि इसे पीने या अन्य उपयोग में लाने से बचा जा रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
प्रीति जैन ने कहा कि नलों में गंदा पानी आने से पेयजल संकट गहरा गया है। सुमत जैन और जिनेंद्र जैन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्वच्छ पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। निरीक्षण के दौरान जल संस्थान के अधिशासी अभियंता मुंशीलाल और अवर अभियंता रिजवान सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
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