देवरिया जिले के भटवलिया इलाके में गुरुवार शाम एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की टीम ने रुकवा दिया। प्राधिकरण को सूचना मिली थी कि एक परिवार अपनी 13 वर्षीय बेटी का विवाह हरियाणा के पानीपत निवासी एक युवक से कराने की तैयारी कर रहा है। सूचना मिलते ही DLSA सदस्य मनोज सिंह ने वन स्टॉप सेंटर की टीम और पुलिस के साथ मौके पर टीम भेजी। भटवलिया स्थित घर पर पहुंचने पर टीम ने पाया कि परिवार अपनी नाबालिग बेटी रिया (13 वर्ष) की शादी की तैयारियों में जुटा था। अधिकारियों ने जब लड़की की मां पूजा देवी और अन्य परिजनों से बात की, तो उन्होंने बताया कि आर्थिक और सामाजिक कारणों से वे इस विवाह को जल्द से जल्द संपन्न कराना चाहते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय बताई गई। रिया के पिता तारकेश्वर कन्नौजिया का निधन पिछले वर्ष 23 मार्च 2024 को हो गया था, जिसके बाद परिवार गहरे आर्थिक संकट में है। रिया अपने आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसके छोटे भाई-बहनों में 12 वर्षीय शिवानी, 11 वर्षीय करण, 7 वर्षीय नंदनी, 6 वर्षीय आलोक, 4 वर्षीय गौरी, 3 वर्षीय अनन्या और 2 वर्षीय बच्ची शामिल हैं। टीम ने पाया कि मां पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी का भारी बोझ है, जिसके कारण उसने यह निर्णय लिया था। मौके पर मौजूद टीम ने परिवार को बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्हें बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह कराना एक कानूनी अपराध है, जो लड़की के भविष्य, स्वास्थ्य और शिक्षा पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालता है। टीम ने विवाह रुकवाते हुए लड़की और परिवार को कानूनी संरक्षण प्रदान किया। इसके बाद पुलिस और वन स्टॉप सेंटर की टीम नाबालिग लड़की को मां और परिवारजनों के साथ कोतवाली देवरिया लेकर पहुंची, जहां पूरे मामले की जांच की जा रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य मनोज सिंह ने कहा कि समाज में जागरूकता का अभाव अभी भी बाल विवाह जैसे अपराधों को बढ़ावा देता है।
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