वही क्लॉसरूम, वही दोस्त.. बस बदल गया समय:SRN हॉस्पिटल के सर्जरी डिपार्टमेंट पहुंचे थे पुरा छात्र, फिर से चली थी क्लास
स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के सर्जरी डिपार्टमेंट का क्लासरूम आज शनिवार को पुरा छात्रों से गुलजार रहा। यहां वर्षाें बाद वह डॉक्टर्स यहां पहुंचे थे ,जो कभी इस क्लासरूम में बैठकर पढ़ाई करते थे। वही क्लासरूम, वहीं दोस्त और वही गुरु.. सिर्फ बदला था तो बस समय। यहां प्रोफेसर और स्टूडेंट्स सभी एक साथ दिखे। कुछ रिटायर्ड प्रोफेसर ऐसे पहुंचे थे जो ज्यादा उम्र की वजह से चलने में भी असमर्थ थे। यहां हर किसी ने अपने पुराने अनुभवों का साझा किया। छात्राें ने यहां पहुंच रहे लोगों का अभिनंदन किया। तिलक लगाकर उन्हें माला पहनाकर क्लासरूम में बैठाया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीके पांडेय ने सभी के प्रति आभार जताया। उप प्राचार्य डॉ. मोहित जैन, सर्जन डॉ. संतोष सिंह समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे। इसी क्लॉसरूम से शुरू हुई थी लवस्टोरी
डॉ. विशाल रतन श्रीवास्तव इसी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से MBBS और MS की पढ़ाई की थी। इस क्लॉस में पहुंचते ही वह अपने पुराने दिनों में करीब 20 वर्ष पहले के ख्यालों में दिखे। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, यह क्लासरूम मेरे लिए बिल्कुल खास है, क्योंकि इसी क्लासरूम से मैंने सर्जरी सीखी थी और यहीं हमने जीवनसाथी भी चुना था। डॉ. विशाल सर्जन और उनकी पत्नी डॉ. स्मिता श्रीवास्तव स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। नैनी में न्यू प्रयागराज हॉस्पिटल का संचालन कर रहे हैं। हमारे टीचर हमारे लिए रोल मॉडल रहे
डॉ. एजाज सिद्दीकी दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज में डायरेक्टर हैं। उन्होंने कहा, यहां आकर पुराने दोस्ताें और टीचरों से मिलकर पुरानी यादें ताजी हो गई। सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. डीआर सिंह हमारे रोल मॉडल थे। उनके साथ हमने बहुत कुछ सीखा है। डॉ. रजनीश वाष्र्णेय ने कहा, यहां पर वर्ष 2003 से 2006 तक वह पढ़ाई किए। आज फिर यहीं पर आया हूं, दोस्तों से मिलकर खुशी हुई। वाराणसी के रहने वाले डॉ. अखिलेश उपाध्याय इसी मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। वह अभी कुंडा में अस्पताल चला रहे हैं। उन्होंने अपने पुराने दिनों की चर्चा की। तेज बहादुर सप्रू अस्पताल के डॉ. अजय द्विवेदी ने भी अपने दोस्तों के साथ समय बताया।
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