अयोध्या में बैंक मैनेजर समेत चार पर FIR:कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

अयोध्या के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधांशु शेखर उपाध्याय ने इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कैंट पुलिस को तीन दिन के भीतर आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश अधिवक्ता राधेश्याम मिश्रा द्वारा इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक और तीन अन्य के खिलाफ धारा 173(4) के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र की सुनवाई के बाद आया है। मानस नगर स्थित इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। ग्राम रायपुर कोट सराय निवासी पीड़ित अधिवक्ता राधेश्याम मिश्रा का आरोप है कि उनकी 72 वर्षीय खतौनी (गाटा संख्या 833) पर इंडियन बैंक ने 2 लाख 93 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उनकी खतौनी को भी बंधक बना लिया गया था। पीड़ित को इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब वे एक आवश्यक कार्य के लिए अपनी खतौनी निकलवाने नजदीकी केंद्र पर गए। खतौनी पर ऋण दर्ज देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ। जब उन्होंने इस मामले की जांच के लिए इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक से संपर्क किया, तो प्रबंधक ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वे भाग जाएं, अन्यथा उन्हें केबिन में बंद करके 20 मुकदमे दर्ज करवा दिए जाएंगे। इस मामले की पैरवी वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता एकलाख अहमद और कनिष्ठ अधिवक्ता मनोज यादव कर रहे हैं। अधिवक्ता एकलाख अहमद ने बताया कि यह एक बड़े स्तर के भू-माफिया गिरोह का काम हो सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा पीड़ित की खतौनी पर ऋण देना और उसे बंधक बनाना उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता, तो फिर यह ऋण कैसे पास हुआ। अधिवक्ता अहमद ने यह भी बताया कि पीड़ित राधेश्याम मिश्रा ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी और थाना खंड प्रभारी अयोध्या को लिखित में दी थी, लेकिन इस पर कोई जवाब या कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने मामले को गंभीरता से सुना और चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

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