महाराजा रणजीत सिंह की जयंती के अवसर पर ‘सिक्खी मेरी पहचान फाउंडेशन’ और ‘भारतीय सिक्ख संगठन’ ने लखनऊ के आशियाना स्थित चांसलर क्लब में ‘विचार संसद’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एकता, जागरूकता और संवाद को बढ़ावा देना था। भारतीय सिक्ख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह अपने समय में दरबार लगाकर सामाजिक विषयों पर चर्चा करते थे। इसी तरह आज के समाज को भी आपसी संवाद की संस्कृति अपनानी चाहिए। ‘सिक्खी मेरी पहचान फाउंडेशन’ के अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह ‘डी.पी’ ने जानकारी दी कि भविष्य में ऐसी ‘विचार संसदें’ प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित की जाएंगी। महिलाओं से आवाज उठाने का आग्रह किया कार्यक्रम में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने समाज को एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। डॉ. हर्षिंदर कौर ने सिख महिलाओं से अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आग्रह किया। प्रदेश सरकार के मंत्री सरदार बलदेव सिंह ओलख ने आश्वासन दिया कि सरकार सामाजिक हित के कार्यों में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें बाबा महिंदर जी, पटना साहिब से ज्ञानी सुखदेव सिंह, बाबा कश्मीर सिंह, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कवलजीत सिंह राखड़ा, मनमीत कौर, बाबा मोहन सिंह और मनदीप सिंह शामिल थे। शिक्षा को सामाजिक उत्थान का एक प्रमुख माध्यम फाउंडेशन के उपाध्यक्ष लखविंदर पाल सिंह ने जनगणना के मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि रणवीर सिंह कलसी ने शिक्षा को सामाजिक उत्थान का एक प्रमुख माध्यम बताया। कार्यक्रम के अंत में, सभी प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया और सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए। इन निर्णयों को समाज में लागू करने की दिशा भी तय की गई।
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