देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन का नाम आने के बाद आजमगढ़ के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हृदय चौहान ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट की है। डॉक्टर शाहीन की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर के बारे में आजमगढ़ के डॉक्टर हृदय चौहान ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए लिखा है कि सोशल मीडिया पर वायरल होती इस तस्वीर को देखकर हतप्रभ हूं,सकते में हूं…. मन ग्लानि, क्षोभ,दुख,क्रोध, विवशता से भर उठा….. सर्किल किए चेहरे को अभी भी ठीक से पहचान नहीं पाया हूं, तस्वीर लगभग २८-२९ साल पुरानी है… लेकिन इस तस्वीर के मेल चेहरों को आसानी से पहचाना जा सकता है…. हमारे स्टेप सीनियर्स…. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद का ९६ बैच…. सोशल मीडिया से पता चला सर्किल की गयी तस्वीर डा शाहीन की है….. हमारी स्टेप सीनियर… दिल्ली बम ब्लास्ट में सहयोगी…. जिंदगी बचाने वाले जब अनायास जिंदगी खत्म करने लगें तो विचलित होना स्वाभाविक है…. डाक्टर का तो एक ही धर्म है,एक ही कर्म है… जान बचाना… मरने वालों में कोई घर का इकलौता चिराग था,किसी के ऊपर आठ लोगों के परिवार की अकेली जिम्मेदारी .. कोई रिश्तेदार को छोड़ने जा रहा था, कोई सब्जी लेने, कोई ड्यूटी से वापस,कोई धंधे से… हर मजहब,हर कौम के लोग…. अब दर्द भरे आंसुओं के अलावा कुछ भी नहीं बचा…….सबसे बड़ा अफसोस यही है कि घेरे में किए गए इन चेहरों की वजह से दुनिया का सबसे नोबेल,सबसे अच्छा प्रोफेशन अब सामाजिक अविश्वास के घेरे में आ गया है…. दैनिक भास्कर से बोले डॉक्टर जिंदगी बचाने वाले मौत देने लगे तो इससे दुखद कुछ भी नहीं सोशल मीडिया पर डॉक्टर की पोस्ट आने के बाद इस बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हृदय चौहान का कहना है कि जिंदगी बचाने वाले मौत देने लगे तो इससे दुखद कुछ भी नहीं हो सकता है। डॉक्टरो का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद आजमगढ़ के डॉक्टर हृदय चौहान का कहना है कि यह बहुत दुखद है। डॉक्टर बहुत पवित्र और निष्पक्ष माने जाते हैं। ऐसे में इस तरह के कृत्यों में डॉक्टर का नाम आना अत्यंत दुखद है। भोपाल से मिली सूचना दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए डॉक्टर हृदय चौहान ने बताया कि डॉक्टर शाहीन 1996 बैच की एमबीबीएस है जो मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद में मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रही थी। वही डॉक्टर हृदय चौहान 1997 बैच मैं मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि मेरे जूनियर भोपाल में न्यूरो सर्जन है उनकी पत्नी भी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में मेरी जूनियर थी। उन्होंने ही फोन करके बताया कि आपकी सीनियर डॉक्टर का नाम आतंकी कनेक्शन में सामने आया है। ऐसे में जब सोशल मीडिया पर फोटो सर्कुलेट होने लगी तब इस पूरे मामले की जानकारी मिली। डॉक्टर हृदय चौहान का कहना है कि हम लोग सो नहीं सकते थे कि इस तरह से कोई कनेक्शन होगा आज बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही है डॉक्टर और डॉक्टर पैसे से जुड़े लोगों का नाम इस तरह की कृत्यों में आना बहुत ही दुखद है।
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