गोरखपुर में बंद पड़े संक्रामक रोग अस्पताल को मिलेगी जिंदगी:स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 3 करोड़ की लागत पर होगा कायाकल्प, 20 बेड की सुविधा होगी बहाल

गोरखपुर नगर निगम ने वर्षों से बंद पड़े संक्रामक रोग अस्पताल को फिर से शुरू करने की दिशा में काम तेज कर दिया है। निगम प्रशासन ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तीन करोड़ रुपए का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। इस राशि से अस्पताल भवन का कायाकल्प, डॉक्टर, फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद की जाएगी। लक्ष्य है कि पुराने अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर फिर से जनता की सेवा के लिए तैयार किया जाए। भवन की तकनीकी जांच से तय होगी मरम्मत या नया निर्माण नगर निगम के मुख्य अभियंता अमित कुमार शर्मा के अनुसार, फिलहाल अस्पताल भवन की स्ट्रक्चरल मजबूती की तकनीकी जांच की जा रही है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा कि पुराने भवन की मरम्मत की जाए या उसे ध्वस्त कर नया भवन बनाया जाए। निगम चाहता है कि अस्पताल का ढांचा पूरी तरह सुरक्षित और आधुनिक मानकों के अनुरूप हो। 20 बेड की सुविधा को फिर से मिलेगा जीवन संक्रामक रोग अस्पताल में पहले 20 बेड की सुविधा उपलब्ध थी, जहां जलजनित और मच्छरजनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, टायफाइड आदि से पीड़ित मरीजों का उपचार होता था। डॉक्टरों की तैनाती न होने और फार्मासिस्ट के सेवानिवृत्त होने के बाद अस्पताल धीरे-धीरे निष्क्रिय हो गया और वर्षों से यहां उपचार की सुविधा बंद है। अब निगम इस अस्पताल को फिर से उसी स्वरूप में सक्रिय करने की योजना पर काम कर रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजना से होगी पूरी व्यवस्था नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि संक्रामक रोग अस्पताल को नये सिरे से क्रियाशील करने के लिए संपूर्ण कार्ययोजना तैयार की गई है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तीन करोड़ रुपए से भवन का जीर्णोद्धार, चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, आवश्यक हेल्थ उपकरणों की खरीद और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा। उनका कहना है कि यह अस्पताल न केवल जलजनित व मच्छर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए मददगार साबित होगा, बल्कि मौसमी रोगों से निपटने में भी नगर निगम की क्षमता को बढ़ाएगा।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर