दुनिया को बंधक बनाना चाहता है बीजिंग, चीन पर भड़के ट्रंप, जिनपिंग से मिलने से किया इनकार

दुनिया को बंधक बनाना चाहता है बीजिंग, चीन पर भड़के ट्रंप, जिनपिंग से मिलने से किया इनकार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें एशियाई देशों की आगामी यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलने का कोई कारण नहीं दिखता, क्योंकि चीन ने अमेरिकी उद्योग के लिए आवश्यक दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति आगामी दिनों में दक्षिण कोरिया का दौरा करने वाले हैं. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में यह भी संकेत दिया कि वह जिनपिंग के कदमों के जवाब में चीनी उत्पादों पर आयात करों में ‘भारी वृद्धि’ करने पर विचार कर रहे हैं.

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, ‘इस समय हम जिन नीतियों पर विचार कर रहे हैं, उनमें से एक है अमेरिका में आने वाले चीनी उत्पादों पर टैरिफ में भारी वृद्धि. ऐसे कई अन्य कदम भी हैं जिन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.

रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर एक्सपोर्ट कंट्रोल

ट्रुथ सोशल पर एक लंबे पोस्ट में, ट्रंप ने चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ एलिमेंट्स) पर निर्यात नियंत्रण (एक्सपोर्ट कंट्रोल) लगाने की कड़ी आलोचना की. उन्होंने लिखा कि चीन में कुछ बहुत ही अजीबोगरीब चीज़ें हो रही हैं. वे बहुत आक्रामक होते जा रहे हैं. ट्रंप ने कहा मुझे दो हफ़्ते बाद दक्षिण कोरिया में APEC में राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलना था, लेकिन अब ऐसा करने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर जिनपिंग को फोन करने का भी कोई कारण नहीं दिख रहा है.

ट्रंप ने कहा कि इस समय हम जिन नीतियों पर विचार कर रहे हैं, उनमें से एक अमेरिका में आने वाले चीनी उत्पादों पर टैरिफ में भारी वृद्धि है. वॉल स्ट्रीट के शेयर तेजी से नकारात्मक दायरे में आ गए क्योंकि व्यापारियों को चिंता थी कि वाशिंगटन और बीजिंग के बीच सुलगता ट्रेड वॉर फिर से भड़क सकता है.

Donald Trump X

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन

पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में जिनपिंग से मिलने की अपनी योजना के महत्व पर जोर दिया था, जो जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति के सत्ता में लौटने के बाद उनकी पहली मुलाक़ात थी. उन्होंने यह भी कहा था कि वह अगले साल चीन की यात्रा करेंगे.

लेकिन शुक्रवार को अपने पोस्ट में, ट्रंप ने कहा कि चीन ने दुनिया भर के देशों को पत्र भेजे हैं, जिनमें रेयर अर्थ से जुड़े हर उत्पादन तत्व, और किसी भी अन्य चीज पर एक्सपोर्ट कंट्रोल का विवरण दिया गया है, जिसके बारे में वे सोच सकते हैं, भले ही वह चीन में निर्मित न हो.

चीन को दुनिया पर कंट्रोल करने की इजाजत नहीं दे सकते

ट्रंप ने लिखा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे चीन को दुनिया को ‘बंदी’ बनाने की अनुमति दी जाए, लेकिन ऐसा लगता है कि यह उनकी काफी समय से योजना रही है. उन्होंने बीजिंग पर ताक में रहने का आरोप लगाया. जबकि उन्होंने छह महीने के अच्छे संबंधों का हवाला दिया था, और कहा कि उन्होंने इस मामले पर जिनपिंग से बात नहीं की है.

ट्रंप ने यह भी सवाल उठाया कि क्या चीन की घोषणा का समय गाजा युद्धविराम समझौते की चमक को कम करने के लिए था, जिसकी मध्यस्थता उन्होंने इस हफ्ते इजराइल और हमास के बीच की थी. दुर्लभ मृदा तत्व स्मार्टफ़ोन और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर सैन्य हार्डवेयर और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक तक, हर चीज़ के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं. चीन इन सामग्रियों के ग्लोबल प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग में अग्रणी है.

चीन पर ट्रंप ने साधा निशाना

ट्रंप ने कहा कि अन्य देशों ने चीन की अचानक से शुरू हुई बड़ी व्यापारिक शत्रुता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अमेरिका से संपर्क किया है. उन्होंने चीन के नजरिए को अन्य तत्वों पर एकाधिकार स्थापित करने वाला बताया और इसे कम से कम कहें तो एक भयावह और शत्रुतापूर्ण कदम कहा.

उन्होंने कहा कि चीन द्वारा हाल ही में जारी किए गए शत्रुतापूर्ण ‘आदेश’ के बारे में जो कुछ भी कहा जाता है, उसके आधार पर, अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, मुझे उनके इस कदम का आर्थिक रूप से विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इस साल की शुरुआत में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच टैरिफ वॉर छिड़ गया था, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार पूरी तरह से ठप होने का खतरा पैदा हो गया था.

दोनों पक्ष अंततः तनाव कम करने पर सहमत हुए, लेकिन यह समझौता अस्थिर रहा है. ट्रंप ने पिछले हफ़्ते कहा था कि वह जिनपिंग पर अमेरिका से सोयाबीन ख़रीदने का दबाव डालेंगे क्योंकि अमेरिकी किसान, जो 2024 के चुनाव में उनकी जीत में एक महत्वपूर्ण मतदाता वर्ग हैं, उनके ट्रेड वॉर के नतीजों से जूझ रहे हैं.

चीन ने शुक्रवार को पहले कहा था कि वह अमेरिका द्वारा संचालित और अमेरिका में निर्मित जहाजों पर विशेष बंदरगाह टैरिफ लगाएगा, क्योंकि वाशिंगटन ने अप्रैल में चीन से जुड़े जहाजों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी.

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