30 साल पुराने हत्याकांड में FIR:जालौन में बेटे की हत्या के लिए पिता ने जिंदगी भर लड़ी कानूनी लड़ाई

जालौन में न्याय की लड़ाई लड़ते हुए 30 साल बाद एक युवक की हत्या का मामला आखिरकार दर्ज हो गया है। इस दौरान पीड़ित पिता ने बेटे के लिए न्याय की आस में जिंदगी गुजार दी और थाने-कोर्ट के चक्कर काटते-काटते वर्ष 2021 में उनकी मौत हो गई। इतना ही नहीं, हत्या के दो आरोपी भी अब तक गुजर चुके हैं। मामला कोंच कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सुभाष नगर का है। वर्ष 1995 में उमाशंकर बाजपेई ने कोटरा थाने में तहरीर दी थी कि उसका 22 वर्षीय पुत्र प्रदीप कुमार बाजपेई प्रतिमा विसर्जन के बहाने रिश्तेदारों संग बेतवा नदी गया था। आरोप है कि शाम को लौटते वक्त रिश्तेदारों ने जमीन हड़पने की साजिश में प्रदीप को नदी में डुबोकर मार डाला। पीड़ित की मानें तो इस वारदात को कई लोगों ने देखा, लेकिन पुलिस ने तहरीर के बावजूद रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उमाशंकर ने तत्कालीन एसपी तक गुहार लगाई, कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 1998 में निचली अदालत से एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी आए, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि कोर्ट से भेजी गई पत्रावली भी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई। पिता के निधन के बाद छोटे बेटे देवेंद्र बाजपेई ने केस की पैरवी संभाली और हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गायब पत्रावली की जांच कराई और इस साल 10 सितंबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट शिंजिनी यादव ने आदेश दिया कि कोटरा पुलिस हत्या की रिपोर्ट दर्ज करे। आखिरकार कोर्ट के निर्देश पर सात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है। इस बीच आरोपी देवेश की 1996 और प्रकाश की 2007 में बीमारी से मौत हो चुकी है। अपर पुलिस अधीक्षक जालौन प्रदीप कुमार वर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

Read More

Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर