सहारनपुर में अभियुक्त को आजीवन कारावास…79 हजार जुर्माना लगा:महिला और उसकी बेटी पर तलवार से किया था वार, मां की हो गई थी मौत
सहारनपुर की देवबंद कोर्ट ने एक अभियुक्त को एक महिला की हत्या का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 2018 में अभियुक्त ने एक महिला और उसकी बेटी पर तलवार से हमला किया था। जिसमें महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। कोर्ट ने अभियुक्त पर 79 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एडीजे की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर ये सजा सुनाई है। एडीजीसी देवी दयाल शर्मा ने बताया कि थाना नानौता क्षेत्र के मोहल्ला छता निवासी सुजात हुसैन ने हत्या का प्रयास और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर देकर बताया था कि उनकी बेटी इरम उर्फ महविश अपनी माता शगुफ्ता के साथ नानौता के बाजार में 23नवंबर 2018 को खरीदारी करने जा रही थी। तभी वहां उनके मोहल्ले का रहने वाला वजाहत खां एक हाथ में तलवार और एक हाथ में तमंचा लेकर घात लगाए बैठा था। वादी सुजात के अनुसार, आरोप था कि आरोपी उनकी बेटी से एकतरफा प्यार करता था। जिसने बेटी को जान से मारने की नीयत से तलवार से हमला किया था। बीचबचाव को उसकी मां शगुफ्ता आई तो अभियुक्त ने उस पर भी तलवार से हमला कर घायल कर दिया। इस हमले में मां-बेटी दोनों गंभीर रूप से घायल हो गई। अभियुक्त वजाहत ने खुद के गले पर उस्तरा मारकर घायल कर लिया। वादी के अनुसार, घटना के दो दिन बाद 25 नवंबर 2018 को इलाज के दौरान चंडीगढ़ में उनकी पत्नी शगुफ्ता की मौत हो गई। जिसको लेकर 25 नवंबर को मृतका के पति सुजात हुसैन ने थाने में तहरीर देकर आरोपी वजाहत खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया था। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तलवार को भी बरामद कर लिया। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश की। तभी से मुकदमा कोर्ट में चल रहा था। एडीजीसी देवीदयाल शर्मा ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एडीजे विनीत कुमार वासवानी की कोर्ट ने अभियुक्त को हत्या का दोषी करार दिया। कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 79 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
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