आगरा में पहली स्लीप लैब की स्थापना:नींद विकारों की जांच के लिए उपयोगी

आगरा में शुक्रवार को मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर पहली स्लीप लैब की स्थापना की गई। निदेशक प्रो. दिनेश सिंह राठौर ने बताया- कई बार व्यक्ति सात घंटे की नींद लेने के बावजूद भी अनिद्रा से जूझता है। नींद पूरी न होने से स्लीप सर्कल प्रभावित होता है और दिन में बार-बार नींद आने लगती है। संस्थान में आज पहले लेवल की वीडियो पॉलीसोमनोग्राफी मशीन स्थापित की गई है, जिसके माध्यम से नींद के दौरान शरीर की विभिन्न जैविक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सकेगा। साथ ही मरीज का वीडियो भी तैयार होगा, जिससे नींद के दौरान की गतिविधियों जैसे झटके, करवट बदलना या सांस रुकना का सटीक अवलोकन संभव होगा। साइकेट्रिक विभाग प्रमुख प्रो. अनिल कुमार सिसौदिया ने बताया-स्लीप लैब में यह मशीन नींद संबंधी विकारों जैसे स्लीप एपनिया, अनिद्रा, नार्कोलेप्सी, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम आदि की पहचान और जांच के लिए उपयोगी साबित होगी। इससे मरीज की पूरी रिपोर्ट और डायग्नोसिस तैयार की जा सकेगी तथा शरीर के हर स्तर पर जैसे हृदय गति और ऑक्सीजन स्तर की निरंतर निगरानी संभव होगी। चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष जैन ने बताया कि बढ़ता स्क्रीन टाइम और अनियमित दिनचर्या नींद संबंधी समस्याओं के प्रमुख कारण बन रहे हैं। स्लीप लैब की स्थापना से छात्रों को शोध कार्य में भी मदद मिलेगी। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम “Access to Services: Mental Health in Catastrophes and Emergencies” पर विद्यार्थियों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी साझा की। कार्यक्रम का संचालन जूनियर रेजीडेंट डॉ. पार्थ बघेल ने किया। इस अवसर पर राजेश कुमार, डॉ. मधु शर्मा, डॉ. चंचल चन्द्रा, डॉ. बृजेश अग्रवाल, अतुल शर्मा, पवन सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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