पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का विस्तारीकरण शुरू, उड़ान भरेंगे 72 सीटर विमान:रनवे का होगा विस्तार, देहरादून के लिए फ्लाइट की तैयारी; 34 साल पहले बना था

पिथौरागढ़ के नैनीसैनी एयरपोर्ट को नई उड़ान मिलने जा रही है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद एयरपोर्ट को 42 सीटर (2C) श्रेणी से 72 सीटर (3C) श्रेणी में अपग्रेड किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की रिपोर्ट के अनुसार परीक्षण एवं तकनीकी सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। विस्तारीकरण पूरा होने के बाद यहां से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए बड़े विमानों की उड़ानें संचालित होंगी, जिससे सीमांत जिले की हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होगी और पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। 1991 में बनी थी हवाई पट्टी, 2019 में हुई थी पहली व्यवसायिक उड़ान चीन और नेपाल की सीमा से सटे इस रणनीतिक जनपद में नैनीसैनी हवाई पट्टी का निर्माण 1991 में किया गया था। 24 जनवरी 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इसका उद्घाटन किया था। 2014-15 में करीब 65 करोड़ रुपए खर्च कर रनवे का विस्तार 1600 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा किया गया। आठ अक्टूबर 2018 को ट्रायल लैंडिंग और 17 जनवरी 2019 को डीजीसीए की अनुमति के बाद पहली व्यवसायिक उड़ान शुरू हुई। देहरादून, पंतनगर और हिंडन एयरपोर्ट (गाजियाबाद) के लिए नियमित सेवाएं संचालित होने लगीं। हालांकि रनवे पर एक विमान फिसलने के बाद कुछ समय के लिए सेवाएं प्रभावित रहीं, लेकिन 2024 से पुनः देहरादून के लिए 19 सीटर और उसके बाद दिल्ली के लिए 42 सीटर विमान सेवा शुरू की गई। इससे पहले जो सफर सड़क मार्ग से 16 से 18 घंटे में होता था, वह अब महज एक घंटे में पूरा हो रहा है। फिलहाल केवल दिल्ली के लिए सेवा, देहरादून के लिए नई कंपनी से बातचीत सितंबर माह से फ्लाई विग कंपनी द्वारा देहरादून के लिए सेवा बंद किए जाने के बाद वर्तमान में केवल दिल्ली के लिए उड़ान संचालित हो रही है। सूत्रों की मानें तो देहरादून के लिए किसी नई एयरलाइन से सेवा बहाली की प्रक्रिया जारी है। विस्तारीकरण के बाद नैनीसैनी एयरपोर्ट की रनवे लंबाई 1600 मीटर से बढ़ाकर 2608 मीटर और चौड़ाई 250 मीटर कर दी जाएगी। AAI ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। आसपास के गांवों — नैनीसैनी, सुजई और ओड़मात्था — की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया प्रस्तावित है। तकनीकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इसके पूरा होते ही नैनीसैनी न केवल उत्तराखंड बल्कि देश के प्रमुख हवाई कनेक्टिविटी केंद्रों में शामिल हो सकता है।

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