लखनऊ में विधायक के आदमियों का बिजनौर थाने पर हंगामा:गुंडा टैक्स वसूली के लिए 3 भाइयों की पिटाई, बचाने आई मां को भी मारा था

लखनऊ में खुलेआम गुंडई का मामला सामने आया है। तीन भाइयों को लाठी-डंडों से पीटा गया। इस दौरान जब उनकी मां बचाने आईं तो उन्हें भी लाठी से मारा। इतना ही नहीं, जाते हुए धमकी दी कि तुम सबको फिर मारेंगे। इस पर स्थानीय विधायक के आदमियों ने थाने में तीन घंटे तक जमकर हंगामा किया। पूरा मामला बिजनौर थाना क्षेत्र के परवर पश्चिम गांव का है। पिटाई के बाद पीड़ित तीनों भाइयों में से दो की हालत गंभीर है। मामला जानकारी में होने पर स्थानीय विधायक के आदमी, कुछ BJP कार्यकर्ता और ग्रामीण थाने पहुंच गए। सैकड़ों लोगों ने बिजनौर थाना घेरकर जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है। 3 तस्वीरें देखिए… 4 घंटे तक थाने में चला हंगामा मारपीट के बाद पीड़ित लोग थाने पहुंचे। वहां उनकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी। इसकी सूचना उन लोगों ने स्थानीय विधायक राजेश्वर सिंह को दी। इस पर विधायक ने हस्तक्षेप करते हुए पार्टी कार्यकर्ता भेजे। इसके बाद ग्रामीणों ने उनके साथ मिलकर थाने में हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारी 4 घंटे तक मनाते रहे। हंगामा जब बंद नहीं हुआ तो FIR दर्ज की गई। आरोप है कि परवर पश्चिम गांव में हमलावरों ने बिना ‘गुंडा टैक्स’ दिए दुकान न लगाने की धमकी दी। विरोध करने पर तीनों भाइयों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इसमें सर्वेश और उमेश गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। परवेश का आरोप है कि केके सिंह और उसके साथी अवैध खनन, वसूली और ‘गुंडा टैक्स’ वसूलने का गिरोह चलाते हैं। इसी गिरोह ने उक्त घटना से पहले आज ही अमित राजपूत, उनकी पत्नी और मां से भी मारपीट की। घटना के बाद जब परवेश थाने पहुंचा तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। एडीसीपी देते रहे आश्वासन, विधायक ने हस्तक्षेप किया थाने में स्थिति बिगड़ने पर एसीपी कृष्णानगर और कृष्णा नगर, सरोजनी नगर और बंथरा थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। एडीसीपी लोगों को आश्वासन देते रहे। उसके बाद विधायक राजेश्वर सिंह ने हस्तक्षेप किया तो हंगामा शांत हुआ। पुलिस ने घायलों को सीएचसी सरोजनी नगर में भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि विवाद की जड़ वह तालाब है जो परवेश के पिता चुन्नी के नाम पट्टे पर है। इस पर कब्जे को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। गुंडा टैक्स न देने पर तीन भाइयों पर हमला किया गया। गुरुवार शाम हुई इस घटना में दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह है पूरा मामला… परवर पश्चिम निवासी परवेश ने बताया कि गुरुवार शाम करीब 6 बजे वह अपने भाइयों सर्वेश कश्यप और उमेश के साथ प्राथमिक विद्यालय के पास अपनी चाट और अंडे की दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान गांव के शिवकुमार सिंह, कृष्ण कुमार सिंह उर्फ केके सिंह (कथित ग्राम प्रधान), रामकुमार सिंह, विष्णु कुमार, विक्की सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह, बृजेश रावत (ग्राम प्रधान), अनिकेत सिंह और कौशल कनौजिया सहित उनके कई अन्य साथी लाठी-डंडे और तमंचे लेकर वहां पहुंचे। उन्होंने धमकी दी कि बिना गुंडा टैक्स दिए दुकान नहीं लगाने दी जाएगी। जब तीनों भाइयों ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। मारपीट में सर्वेश कश्यप और उमेश गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। बिजनौर थाना पुलिस ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है। गांव में केके को ही ग्राम प्रधान कहते हैं जबकि ग्राम प्रधान बृजेश रावत हैं। रावत को प्रधानी के बारे में कुछ नहीं पता, सारा काम केके देखते हैं। तीनों पीड़ितों की मां ने कहा- प्रधान ने खुद मारा, दूसरों से मरवाया उर्मिला ने बताया- दो जातियों के लोगों से मेरे बेटे को मरवाया। जब मेरे बेटों ने प्रधान से शिकायत की तो वे भी लोगों के साथ आकर इनको ही मारने लगे। 9 लोग आए थे, सब लाठी-डंडा लेकर। मैं हाथ जोड़ने लगी कि भैया न मारो, छोड़ दो, मर जाएंगे। इसके बाद मुझे भी लाठी मार दी। ये लोग चाहें जिसके घर में घुसकर मारें, कोई बोलने वाला नहीं है। प्रधानी के इलेक्शन में बेटों से कहा था प्रचार में मदद करो तो 2 कॉलोनी देंगे। इसके बाद जब जीत गए तो एक बताशा भी नहीं खिलाया। ‘पहले 1 बिस्वा जमीन नहीं थी, प्रधान बने तो 1 बीघे हो गई’ परवेश कश्यप ने बताया कि हमारे तालाब में कभी भी उन दबंगों की एक बिस्वा जमीन नहीं निकली थी। आज वे प्रधान हो गए हैं तो उनकी एक बीघे जमीन निकल आई। हमने इसका विरोध किया तो बोले कि जान से मारेंगे। दफना दिए जाओगे। अभी तक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। आज जब इतने लोग साथ आए तो पुलिस मुकदमा दर्ज कर रही है। इस मामले में थाना प्रभारी शिव शंकर महादेवन ने बताया- 13 लोगों को नामजद किया है। यह गिरोह लंबे समय से क्षेत्र में अवैध कब्जा, धमकी, मारपीट और भय फैलाने जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था। ताजा घटना में आरोपियों ने पीड़ित पक्ष पर हमला कर जान से मारने की धमकी दी और दुकान पर जबरन कब्जे का प्रयास किया। ————————- ये खबर भी पढ़िए… बसपा की रैली में कार्यकर्ता चंद्रशेखर पर दो फाड़ : किसी ने भाई, तो किसी ने RSS एजेंट कहा; बोले-मायावती को सीएम बनाएंगे मायावती की रैली में इतनी भीड़ आई कि कार्यकर्ता उत्साह में भर गए। फिर बहन जी हर 2-3 महीने पर ऐसी रैली क्यों नहीं करतीं? हमारे इस सवाल के जवाब में रैली में आए अशोक कुमार बिंद कहते हैं- बहन जी को अपने समाज की हकीकत पता है। उन्हें पता है कि यहां जो लोग आए हैं, वो अपना पैसा खर्च करके आए हैं। अगर हर 2-3 महीने में रैलियां होने लगीं, तो लोगों का नुकसान होगा। इसलिए बहन जी सोच समझकर ही रैली करती हैं। (पूरी खबर पढ़िए)

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