आर्मी ट्रेनिंग का सेटअप तैयार कर नौकरी दी:महराजगंज में NCC छात्रा वर्दी में गांव आई, परिवार ने जीप में घुमाया; अब पत चला फर्जी है
महराजगंज में सेना में भर्ती के नाम पर एक छात्रा से 2.70 लाख रुपए ठगी कई गई। व्यक्ति ने छात्रा की दौड़ कराई, ट्रेनिंग भी हुई। शूटिंग भी कराई और वर्दी भी दे दी। वर्दी पहन कर जब छात्रा अपने गांव पहुंची तो उसका सनप्रूफ कार में स्वागत भी हुआ। जब ऑफर लेटर नहीं आया तो छात्रा को शक हुआ। उसने व्यक्ति के फोन पर काल किया तो फोन बंद आया। तब छात्रा को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। छात्रा ने पुलिस में शिकायत कर दो लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया है। पूरा मामला निचलौल थाना क्षेत्र के डोमा कांटी गांव का है। अब सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला डोमा कांटी गांव में कैमुद्दीन का घर है। घर में पत्नी दो बेटी नगमा, नजमा और एक बेटा तबरेज रहता है। कैमुद्दीन खेती किसानी करते हैं। तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। बेटी नगमा गांव के पास के कृषक इंटर कॉलेज बढ़या में 12वीं में पढ़ती है। इसी साल जुलाई में उसका कॉलेज की तरफ से NCC में सिलेक्शन हुआ। आर्मी ने जाने का लालच दिया नगमा ने बताया कि 10 अगस्त 2025 को सलेमपुर के मठलार में कॉलेज की तरफ से प्रशिक्षण के लिए कॉलेज की सभी छात्राओं को भेजा गया। शूटिंग ट्रेनिंग के दौरान मेरी मुलाकात धीरज नाम के युवक से हुई। धीरज ने बताया कि मैं आर्मी में हूं। मुझसे कहा- तुम्हारी शूटिंग अच्छी है, तुम आर्मी में जा सकती हो। उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर भी दिया। ट्रेनिंग के बाद हम घर आ गए। 23 सितंबर को धीरज का मेरे पास फोन आया। उसने मुझे गोरखपुर बुलाया। मैं 24 सितंबर को गोरखपुर के लिए निकली। 25 सितंबर को उससे गोरखपुर में मुलाकात हुई। फिर वो ट्रेनिंग वाली जगह ले गया। सेटअप देख लगा नहीं कि फर्जी है नगमा ने बताया कि धीरज मुझे एक फील्ड में ले गया। जहां पहले से ही 10 छात्र मैजूद थे। वहां पर रनिंग ट्रैक बनाया गया। हाइट मापने के लए मानक तैयार किया गया था। वर्दी पहने कुछ लोग भी मौजूद थे। वो आर्मी वालों की तरह बात भी कर रहे थे। कमांड भी आर्मी की तरह दे रहे थे। सब कुछ असली लग रहा था। मेरे साथ 5 लड़ी और 6 लड़कों ने दौड़ लगाई। हमारी हाइट चेक की गई। यहां तक की चेकअप के नाम पर मेडिकल कॉलेज के पास खून की जांच कराई गई। अब शुरू पैसे लेने का खेल नगमा ने बताया कि जांच के बाद धीरज ने हमे एक वर्दी दी। फिर बोला, आप लोगों की नौकरी अब पक्की हो जाएगी। इसके बाद उसने कहा, अब आप लोगों को बस 2.70 लाख देने होंगे। मैंने घर वालों से बात की तो वह पैसे देने के लिए तैयार हो गए। घर में सब बहुत खुश थे कि बेटी अफसर बनेगी। घर से पैसे मंगवा कर धीरज को दिया गया। 25 सितंबर की शाम ही धीरज ने मुझे और बाकी पांच लड़कियों को बस से पुष्कर (राजस्थान) ले गया। वहां अंगद मिश्रा नाम के व्यक्ति से मिलाया। अंगद ने खुद को सीओ बताया। अंगद ने कहा नौकरी मेरे हाथ में है। साथ ही कहा कि कुछ दिन में ज्वाइनिंग लेटर आएगा, इसके बाद सभी को घर भेज दिया गया। घर पर हुआ जोरदार स्वागत नगमा ने बताया मैं दो दिन बाद घर पहुंची। यहां सब बहुत खुश थे। मेरे स्वागत में पूरा गांव आया था। मुझे सनरूफ कार में बिठाकर गांव में घुमाया। मेरे मां-पिता और गांव वालों ने सम्मान के साथ माला पहनाया। मां-पिता का भी सम्मान के साथ स्वागत हुआ। पापा बोले- तुझे अफसर के ड्रेस में देख कर खुशी हुई। लेकिन कुछ दिन बाद जब ज्वाइनिंग लेटर नहीं आया तो मुझे टेंशन हुई। मैंने धीरज के नंबर काल करना शुरू किया। धीरज का नंबर बंद आने लगा। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ फर्जीवाड़ा हुआ। मैंने पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पिता को यकीन लेटर आएगा इतना सब होने के बाद भी नगमा के पिता कैमुद्दीन मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी बेटी के साथ धोखा हुआ है। उनका कहना है कि उनकी बेटी की नौकरी पक्की है। लेटर भी जरूर आएगा। कैमुद्दीन ने पूरे गांव के लिए दावत की व्यवस्था की है। लोगों को अपने घर पर खाने के लिए भी बुलाया है। थाना इंचार्ज बोले- जांच की जा रही है इस संबंध में थाना इंचार्ज अखिलेश वर्मा ने बताया कि पीड़िता नगमा के साथ ठगी का मामला सामने आया है। उसकी तहरीर पर दो आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
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