प्रधानाचार्य और बेटे पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज:प्रबंधक और प्रबंध समिति का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बेटे को दी थी नियुक्ति
गोंडा में कौड़िया बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत गणेश संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य वेदपति त्रिपाठी और उनके पुत्र वागीश पति त्रिपाठी के खिलाफ मारपीट, गाली गलौज और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर विद्यालय के प्रबंधक और प्रबंध समिति के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पुत्र को नियुक्ति देने का आरोप है। विद्यालय के प्रबंधक ब्याकुल किशोर मिश्रा ने कौड़िया थाने में तहरीर दी है। आरोप है कि प्रधानाचार्य वेदपति त्रिपाठी ने 18 अगस्त 2024 को बिना प्रबंधक या किसी अन्य पदाधिकारी को सूचित किए, उनके फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचित तरीके से पुत्र वागीश पति त्रिपाठी की तदर्थ नियुक्ति का प्रस्ताव पारित किया। वागीश पति त्रिपाठी की योग्यता एमएम बीएड (संस्कृत नव्य व्याकरण) बताई गई है। नियुक्ति का आधार शासनादेश 1998 दर्शाया प्रबंधक के अनुसार, इस पद पर विद्यापति त्रिपाठी 2021 से संविदा पर कार्यरत हैं। प्रधानाचार्य ने 15 अक्टूबर 2024 को अपने बेटे को नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। इसके बाद 22 मई 2025 को विद्यालय के पत्रांक 5 और 6 में बिना सूचना के जिला विद्यालय निरीक्षक, गोंडा से पत्राचार में इस नियुक्ति का आधार शासनादेश 21 अप्रैल 1998 दर्शाया गया। प्रबंधक ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक शिक्षा परिषद नियमावली 2009 प्रभावी है। उन्हें इस कथित फर्जीवाड़े की जानकारी 18 सितंबर 2025 को अध्यापकों से मिली। जब उन्होंने प्रधानाचार्य से पूछताछ की, तो प्रधानाचार्य ने उनके साथ मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। प्रधानाचार्य ने कथित तौर पर कहा कि विद्यालय उनके हिसाब से चलेगा। उनके या उनके पुत्र की नियुक्ति के बीच आने वाले को विद्यालय से बाहर कर दिया जाएगा। कौड़िया थानाध्यक्ष गोविंद कुमार ने बताया कि पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ 7 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच उपनिरीक्षक अमरजीत सोनकर को सौंपी गई है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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