नेतृत्व केवल सत्ता नहीं, सेवा और संस्कार का होना चाहिए:’जाणता राजा’ में बोले भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य हुईं शामिल

‘छत्रपति शिवाजी महाराज केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए जिए। उनका जीवन एक अखंड राष्ट्र और न्यायप्रिय शासन की परिभाषा है।’ यह कहना था। भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री शिव प्रकाश का, जो बुधवार को आगरा में ‘जाणता राजा’ महा नाट्य के पांचवें दिन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज की नींव रखते हुए समाज के हर वर्ग को साथ लिया — चाहे वह जनजातीय हो, दलित हो या पिछड़ा। “उनके सैनिक बिकते नहीं थे, रुकते नहीं थे और बलिदान से पीछे नहीं हटते थे।” माता जिजाबाई के संस्कारों और समर्थ गुरु रामदास के मार्गदर्शन में पले-बढ़े शिवाजी ने यह सिद्ध किया कि नेतृत्व केवल सत्ता का नहीं, सेवा का होना चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत मां तुलजा भवानी की आरती और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। मंच पर जैसे ही युद्ध, नीति, और औरंगजेब के समक्ष शिवाजी के अद्वितीय पराक्रम के दृश्य आए, पूरा सभागार “जय भवानी, जय शिवाजी” के नारों से गूंज उठा। विशेष दृश्य तब देखने को मिला जब औरंगजेब की राजनीति शिवाजी के नीति बल के सामने हार जाती है — इस दृश्य ने तालियों और श्रद्धा का सन्नाटा एक साथ भर दिया। कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा, “शिवाजी महाराज का जीवन देशभक्ति, साहस और नारी सम्मान का आदर्श है। आगरा में मेयर रहते हुए 2001 में मैंने इस नाट्य को पहली बार देखा था। आज फिर उसी गर्व के साथ इसका साक्षी बन रही हूं।” पूर्व मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यह प्रस्तुति युवाओं को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देती है। कार्यक्रम का संचालन जगदीश सिंह चौहान ने किया। संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने कहा कि “यह केवल नाट्य नहीं, राष्ट्र निर्माण की चेतना का मंच है। व्यवस्था में पंकज पाठक, मनीष थापक, मोनू दुबे, उज्जवल चौहान, राहुल जोशी समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने सक्रिय योगदान दिया। मंच पर उपस्थित गणमान्यजनों में राम प्रताप सिंह चौहान, विधायक मनीषा अनुरागी, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत पोनिया, नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी सहित अनेक गणमान्य अतिथि शामिल रहे।

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