सहारा को लखनऊ हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत:नगर निगम की कार्रवाई को दी थी चुनौती, 30 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहारा इंडिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब-तलब किया है। सहारा ने नगर निगम द्वारा ‘सहारा शहर’ में की जा रही कार्रवाई को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई है। सहारा ने अपनी याचिका में नगर निगम द्वारा 8 और 11 सितंबर 2025 को जारी किए गए आदेशों को रद्द करने की मांग की है। इन आदेशों के तहत नगर निगम सहारा शहर में कार्रवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की पीठ ने याचिका पर विचार की आवश्यकता जताते हुए संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने शहर के भीतर मौजूद मवेशियों को ‘कन्हा उपवन’ ले जाने का भी आदेश दिया। हालांकि, नगर निगम की कार्रवाई पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि कार्रवाई जारी रह सकती है। सहारा ने नगर निगम की कार्रवाई को बताया अनुचित, आदेश रद्द करने की मांग सहारा की ओर से दायर याचिका में नगर निगम द्वारा जारी आदेशों को अवैध और मनमाना करार दिया गया है। कंपनी ने 8 और 11 सितंबर 2025 को नगर निगम द्वारा पारित आदेशों को निरस्त करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि निगम ने सहारा शहर में लीज पर दी गई जमीनों और उन पर बनी संपत्तियों में अवैध हस्तक्षेप किया, जबकि इन परिसंपत्तियों पर सहारा का वैध स्वामित्व और विकास अधिकार है। सिविल कोर्ट में पहले से स्थगन आदेश लागू सहारा का कहना है कि इस विवाद से जुड़ा मामला पहले से सिविल कोर्ट में विचाराधीन है और अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश भी दिया है। इसके बावजूद नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी, जो न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। कंपनी ने यह भी कहा है कि कार्रवाई से पहले उसे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया, जिससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। आर्बिट्रेशन में भी सहारा के पक्ष में निर्णय याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मामले में पहले हुई मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) की प्रक्रिया में नगर निगम को सहारा के साथ लीज एग्रीमेंट बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। सहारा का कहना है कि निगम ने उस आदेश का पालन नहीं किया और इसके विपरीत मनमाने तरीके से संपत्तियों में हस्तक्षेप शुरू कर दिया। नगर निगम ने दी थी जमीन, सहारा ने किया 2480 करोड़ का निवेश मामले के अनुसार, नगर निगम ने 22 अक्टूबर 1994 और 23 जून 1995 को गोमती नगर क्षेत्र में सहारा इंडिया को जमीन पट्टे पर दी थी। इन जमीनों पर कंपनी ने करीब 2480 करोड़ रुपए की लागत से 87 आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाएं विकसित की हैं। सहारा का दावा है कि उसने सभी विकास कार्य नगर निगम की स्वीकृति से किए और पट्टा शर्तों का पूर्ण पालन किया। ————— संबंधित खबर भी पढ़िए… लखनऊ में ह्वाइट हाउस जैसी हवेली, सचिन-कोहली प्रैक्टिस करते थे:अमिताभ-एश्वर्या ने परफॉर्म किया; सुब्रत रॉय का साम्राज्य अब वीरान लखनऊ में 170 एकड़ में फैला सुब्रत राय का साम्राज्य अब वीरान हो चुका है। नगर निगम के एक्शन के बाद कर्मचारी, सहारा श्री के रिश्तेदार, परिवार के लोग भी घर-बार छोड़कर जा चुके हैं। सहारा शहर का एक दौर था। जब यहां सेलिब्रिटीज का मजमा लगता था। बॉलीवुड स्टार्स, क्रिकेटर्स और बिजनेसमैन पार्टी किया करते थे। पूरी खबर पढ़ें

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