जो बगदाद–दुबई में मौजूद, उनके घर पहुंची UP पुलिस:बरेली में घरवालों ने अरेस्टिंग पर उठाए सवाल, DIG ने कहा- संदेह तो अपनी बात रखिए
यूपी के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर 26 सितंबर को हुए बवाल में पुलिस अब तक 88 लोगों को जेल भेज चुकी है। इसमें बड़ी संख्या ऐसे लड़कों की है, जिनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच है। परिजनों का आरोप है- पुलिस ने कई नाबालिग लड़कों को भी जेल भेज दिया। दो लोग ऐसे हैं, जो बवाल से एक दिन पहले ही दुबई और बगदाद चले गए थे। हालांकि DIG ने कहा- अगर किसी को गिरफ्तारी पर संदेह है तो वह मुझसे मिले औ अपनी बात रख सकता है। ‘दैनिक भास्कर’ ने ऐसे कई परिवारों से बात की। उनका पक्ष जाना। पुलिस अब किस आधार पर लोगों को जेल भेज रही है, अफसरों से बात करके ये भी समझा। पढ़िए ये रिपोर्ट…. ‘रात ढाई बजे पुलिसवाले आए और नाबालिग को उठा ले गए’ मलूकपुर चौकी स्थित खलील मार्केट निवासी आलमगीर शहनाई कारीगर हैं। आधार कार्ड के अनुसार, उनके बेटे अयान की जन्मतिथि 23 नवंबर, 2007 है। यानि अभी उसकी उम्र 17 साल साढ़े 10 महीने के आसपास है। बालिग होने में अभी उसको पूरा डेढ़ महीना बाकी है। अयान की मां रेशमा ने बताया- मेरा बेटा 17 साल का है। जिस दिन बवाल हुआ, उस दिन वो पिता के साथ काम कर रहा था। पूरे दिन अपने पिता के साथ मौजूद रहा। रात करीब ढाई बजे लगभग 11 पुलिसवाले हमारे घर का गेट तोड़कर अंदर घुस आए और अयान को जबरन साथ ले गए। पीछे-पीछे मैं थाने पर पहुंची तो पुलिसवालों ने मुझे थाने से बाहर निकाल दिया और गेट पर जाकर खड़े होने को कहा। पुलिस ने मेरे बेटे को कई दिन तक थाने में अवैध तरीके से हिरासत में रखा। इसके बाद उसे जेल भेज दिया। हाथ पर जेल की मुहर दिखाते हुए मां रेशमा ने बताया– मैं 6 अक्टूबर को ही जेल पहुंचकर अपने बेटे से मिलकर आई हूं। वो बहुत परेशान है। कह रहा है कि मम्मी मुझे यहां से जल्दी निकालो। मेरा कोई कसूर नहीं है। इस परिवार ने एक वीडियो भी हमें दिखाया। ये वीडियो 26 अक्टूबर की रात का है, जब कई पुलिसवाले उनके घर में घुसे और अयान को उठाकर ले गए। परिवार का कहना है कि पुलिसवालों ने घर का गेट तक तोड़ दिया था। ‘मस्जिद से निकलते ही बेटे को पुलिसवाले ले गए’ बरेली में नैनीताल रोड स्थित गली नबाबान निवासी मोहम्मद इमरोज को भी पुलिस ने जेल भेजा है। इमरोज बरेली के एक कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई कर रहा है। पिता जाहिद ने बताया– ‘मैं इज्जतनगर थाना क्षेत्र के मुडिया अहमदनगर में अंडर कंस्ट्रक्शन सोसाइटी पर फील्ड वर्क का काम देखता हूं। बवाल वाले दिन बेटा इमरोज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक मेरे साथ रहा। शहर का माहौल खराब होने की सूचना पर शाम करीब 5 बजे मैं अपने घर आ गया। इसके बाद मैं और मेरा बेटा कुतुबखाना स्थित जहानी मस्जिद पर नमाज पढ़ने के लिए चले गए। हमारे पास इसका CCTV भी मौजूद है। नमाज खत्म होते ही मेरा बेटा जैसे ही मस्जिद से नैनीताल रोड पर आया तो कुछ पुलिसकर्मी उसे अपने साथ ले गए और उपद्रव में शामिल होना बताकर जेल भेज दिया।’ बवाल से एक दिन पहले दुबई गया ट्रैवल एजेंट, फैमिली से पुलिस बोली– पेश करो बारादरी मस्जिद के पास मोहल्ला सूफी टोला है। यहां के 35 वर्षीय मोहम्मद रजा नूरी ट्रैवल एजेंट हैं और इस वजह से ज्यादातर वक्त बरेली से बाहर ही रहते हैं। रजा नूरी के पिता अब्दुल कय्यूम एक किराना की छोटी सी दुकान चलाते हैं। वो बताते हैं– बरेली में बवाल के बाद पुलिस मेरे घर पर आई। बेटे के बारे में पूछने लगी। उसको पेश करने का दबाव बनाने लगी। जबकि मेरा बेटा उस दिन बरेली में ही मौजूद नहीं था। वो एक दिन पहले ही दुबई के लिए निकल चुका था। अब्दुल कय्यूम ने हमें एयर अरबिया की फ्लाइट नंबर G9466 का एक चार्ट दिखाया। इसके अनुसार– दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल नंबर तीन से ये फ्लाइट 25 सितंबर की शाम 6.35 बजे उड़ी और दुबई के शारजाह एयरपोर्ट पर रात साढ़े 8 बजे उतरी। इस फ्लाइट की पैसेंजर लिस्ट में दूसरे नंबर पर नाम मोहम्मद रजा नूरी का है। बरेली से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 313 किलोमीटर है, जिसे तय करने में करीब छह से साढ़े छह घंटे लगते हैं। जबकि बरेली में ये बवाल इस फ्लाइट के अगले दिन 26 सितंबर को हुआ। बरेली के शायर बगदाद में मौजूद, पुलिस घर पहुंची बरेली के मोहल्ला सैलानी निवासी मोहम्मद आजम तहसीनी शायर हैं और ट्रैवल एजेंट भी हैं। इनके बड़े भाई आसिफ ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया– बवाल के बाद पुलिस हमारे घर पर आई। उन्होंने छोटे भाई के बारे में इन्क्वायरी की। पूछा कि वो बवाल के वक्त कहां पर थे। हमने पुलिस को अपने भाई की मौजूदगी के सारे डॉक्यूमेंट्स दिखा दिए हैं। इस वक्त वो बगदाद में मौजूद हैं। आसिफ ने हमें एक ट्रेन टिकट दिखाया। इसके मुताबिक, आजम तहसीनी 25 सितंबर को आनंद विहार डबल डेकर ट्रेन में बरेली स्टेशन से रात 8.20 बजे बैठे और 12.55 बजे दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर उतर गए। दिल्ली एयरपोर्ट से वो फ्लाइट लेकर बगदाद चले गए। उनके जाने के अगले दिन बरेली में बवाल हुआ। ह्यूमन राइट्स कमीशन में पुलिस की शिकायत बरेली बवाल में पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने यूपी ह्यूमन राइट्स कमीशन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार– पुलिस ने इस मामले में फर्जी मुठभेड़ दिखाकर कई लोगों को गिरफ्तार दिखाया। बिना नोटिस दिए लोगों की संपत्तियों को अवैध बताकर बुलडोजर से तोड़ दिया गया। कई दिन तक इंटरनेट बंद करके नागरिकों के मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता का हनन किया गया। इस शिकायत में मांग की गई है कि इन सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच की जाए। DIG बोले– किसी को गिरफ्तारी पर संदेह तो आकर अपनी बात रखे पुलिस की इस कार्रवाई पर उठ रहे सवालों को लेकर हमने बरेली रेंज के DIG अजय साहनी से बात की। उन्होंने बताया– हम अब तक 88 आरोपियों को जेल भेज चुके हैं। ये संख्या अपने आप में बहुत है। ऐसे में ये कहना उचित नहीं होगा कि पुलिस किसी प्रेशर की वजह से लोगों को बेवजह पकड़ रही है। नाबालिग को भेजने की बात इसलिए गलत है, क्योंकि पुलिस किसी भी व्यक्ति को सीधे जेल नहीं भेजती। पहले उसे कोर्ट में पेश किया जाता है। वहां उसकी उम्र के कागजात भी दिखाए जाते हैं। फिर भी यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी पर संदेह है तो वो अपनी बात आकर रख सकता है। उसकी बात पर विचार और जांच करके कार्रवाई की जाएगी। जो लोग अगर विदेश में मौजूद हैं और पुलिस उनके घर इन्क्वायरी करने गई है तो वो इमिग्रेशन के सबूत उपलब्ध करा दें। पुलिस इस मामले में CCTV और अन्य वीडियो फुटेज में जो बलवाई दिखाई दे रहे हैं, सिर्फ उसी आधार पर उन्हीं लोगों को जेल भेज रही है। बेवजह किसी को परेशान नहीं किया जा रहा है। पूरा मामला क्या था, समझिए
बरेली में IMC अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद लोगों से इस्लामिया ग्राउंड में जुटने और वहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने का आह्वान किया था। पुलिस ने तौकीर रजा और उनसे जुड़े लोगों को पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया। जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने इस्लामिया ग्राउंड की तरफ रुख करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोका तो चार जगह भिड़ंत हो गई। पुलिस पर पथराव, फायरिंग हुई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठियां चलाई, आंसू गैस के गोले छोड़े। इस मामले में 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं और तौकीर रजा सहित 88 लोग जेल जा चुके हैं। …………….. ये खबर भी पढ़ें… गोरखपुर के पुरुष सबसे ज्यादा घरेलू काम करते हैं:लखनऊ वाले सबसे पीछे; पत्नी के पीरियड के समय भी हाथ नहीं बंटाते पुरुष घर में कितना हाथ बंटाते हैं? इस पर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। एक पुरुष औसत 11 मिनट घरेलू काम करता है। इस सर्वे में यूपी के 3 शहर हैं, जहां के पुरुष घर का काम ज्यादा करते हैं। यह रिपोर्ट सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के यूपी और देश के दूसरे राज्यों में साढ़े 5 साल तक किए गए सर्वे में आई। एनजीओ ने यह सर्वे ‘गृह साथी कार्य’ नाम से किया है। सर्वे में कुल 13,400 पुरुष-महिलाओं ने हिस्सा लिया। पढ़िए यूपी के वो किन शहरों के पुरुष हैं, जाे सबसे ज्यादा घरेलू काम करते हैं? सबसे कम कहां के पुरुष करते हैं? जब पत्नी को जरूरत होती है, तब कितना किचन में काम करते हैं? पढ़िए पूरी खबर…
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