‘पटाना, बच्चे पैदा करना, यही लिव-इन रिलेशनशिप’:राज्यपाल बोलीं- यूनिवर्सिटी में ड्रग्स-दारू फैशन बनी; बलिया से मेरठ तक यही हाल
‘आजकल यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स पढ़ते नहीं और टीचर उन्हें पढ़ाते भी नहीं। अब स्टूडेंट्स ड्रग्स लेने लगे हैं। बलिया से मेरठ तक मैंने देखा है। एक रस्म बन गई है, ड्रग्स खाना और मंगवाना। दारू की बोतल लाना और पीना, फिर मस्ती से सो जाना। युवा ड्रग्स लेते हैं और भारत सरकार नशा मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान चला रही है। ये सब चल रहा है, तो यूनिवर्सिटी बंद कर देनी चाहिए। मेरी बेटियों को सलाह है कि वे किसी चक्कर में न पड़ें। लिव-इन के चक्कर में न पड़ें। लिव-इन के परिणाम देखने हैं तो अनाथालय चले जाइए। वहां एक 15-20 साल की बेटियां गोद में बच्चा लिए खड़ी हैं। ये किसने पैदा किए। ये पढ़ाई नहीं है हमारी।’ ये बातें यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को बलिया में कहीं। वह जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। पहले 2 तस्वीरें देखिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मां सरस्वती और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के चित्र के पास दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद राष्ट्र गीत और विश्वविद्यालय का कुल गीत गाकर उनका स्वागत किया गया। कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताया। उसके बाद राज्यपाल ने मंच से छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों को संबोधित किया। पढ़िए राज्यपाल के बयान की कही बड़ी बातें …तो यूनिवर्सिटी बंद कर देनी चाहिए
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- मैंने अपना दौरा मेरठ से शुरू किया था। वहां से यहां तक एक ही तरह की रस्म है, ड्रग्स की। ये बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है। युवा ड्रग्स लेते हैं और भारत सरकार नशा मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान चला रही। क्या परिस्थिति है हमारी? ये सब चल रहा है विश्वविद्यालयों में। ऐसे में यूनिवर्सिटी को बंद कर देना चाहिए। सरकार इन पर इतना खर्च क्यों कर रही? हमारे प्रधानमंत्री और होम मिनिस्टर ने नशा मुक्त भारत बनाने के लिए अभियान शुरू किया है। एक ओर आंदोलन चलता है। मेरी अपील है कि आपको सर्टिफिकेट मिल गया, अवॉर्ड मिल गया, खुशी हो गई। लेकिन मुझे तब खुशी होगी, जब हमारे उत्तर प्रदेश के हर युवा ड्रग्स छोड़ेंगे। दारू पीना बंद कर देंगे। यही हमारे लिए अवॉर्ड होगा। 15-20 साल की बेटियां बच्चा लिए खड़ी हैं
राज्यपाल ने कहा- बेटियों को मेरी यही सलाह है। आपके पास कोई आएगा फ्रेंडशिप करने के लिए। उसे लिव-इन रिलेशन कहते हैं। अनाथालय जाकर देखिए। लिव-इन रिलेशन का परिणाम क्या है? वहां प्रत्यक्ष दिखाई पड़ेगा। 15-20 साल की बेटियां एक-एक बच्चा लेकर वहां खड़ी हैं। किसने पैदा किया? क्या यही पढ़ाई है हमारी? लालच देना, पटाना, बच्चे पैदा करना और फिर छोड़ देना। ये संस्कार हमारा नहीं, लेकिन ऐसा हो रहा है। जिन बेटियों ने पिता पर केस कराया, मैंने उनकी पीठ थपथपाई
राज्यपाल ने कहा- ऐसी बेटियों से मैं खुद मिलकर आई हूं। लेकिन, जब मैंने बेटियों के मुंह से सुना कि घर में प्रताड़ित हुई हैं। किसी को मामा, किसी को काका तो किसी को पड़ोसी प्रताड़ित करता था। कुछ बेटियों ने हिम्मत दिखाई। थाने में जाकर पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। ऐसी बेटियों की पीठ मैंने थपथपाई। बेटियों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी हमारी है। मंच से कुलाधिपति/राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के उर्दू संकाय की छात्रा सामिया खातून को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया। इसके साथ ही विभिन्न संकायों में प्रथम रहे 44 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इसके साथ ही प्रतियोगिताओं में फर्स्ट आने वाले प्रतिभागियों को राज्यपाल ने पुरस्कृत किया। मंच से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किट भी दीं। ————————- ये खबर भी पढ़ें मालिक को बचाने के लिए कोबरा से लड़ा डॉगी…VIDEO, मिर्जापुर में जबड़े में दबाकर बाहर ले गया यूपी के मिर्जापुर में मालिक और उनके परिवार को बचाने के लिए जर्मन शेफर्ड डॉग ‘बादल’ कोबरा से भिड़ गया। कोबरा को जबड़े में जकड़ कर घसीटते हुए घर के बाहर ले गया। कई बार जमीन पर पटका। 15 मिनट तक दोनों के बीच घमासान चलता रहा। इस दौरान कोबरा ने तीन बार उसे डसा। इस लड़ाई में पहले सांप और फिर बादल की भी मौत हो गई। दोनों की लड़ाई का वीडियो भी सामने आया है। मालिक राणा सिंह ने बताया, ‘मैं सोमवार को परिवार के साथ घर के अंदर था। पूरी खबर पढ़ें
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