चंदौली में लोक आस्था का महापर्व डाला छठ बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। महापर्व के तीसरे दिन सोमवार की शाम को नदियों और तालाबों के घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शाम होते ही व्रती महिलाओं और पुरुषों ने डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर लोकमंगल की कामना की। इस दौरान घाटों का दृश्य अत्यंत मनमोहक और भव्य दिखाई दे रहा था। वहीं, सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें भी घाटों पर पूरी तरह मुस्तैद रहीं।
देखिए 5 तस्वीरें… डाला छठ का यह महापर्व चंदौली के साथ-साथ पूरे पूर्वांचल में बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। पर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने की परंपरा के साथ होती है। सोमवार को तीसरे दिन जिले के विभिन्न घाटों पर अद्भुत उत्साह देखने को मिला। गांव-गांव से प्रसाद की टोकरी लिए व्रती महिलाएं और उनके परिजन ढोल-नगाड़ों की धुन पर श्रद्धा गीत गाते हुए घाटों की ओर पहुंचे। इसके बाद व्रती महिलाओं ने हाथ में अगरबत्ती लेकर कई घंटे तक जल में खड़े होकर भगवान सूर्य की उपासना की। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर उन्होंने लोकमंगल और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। अर्घ्य के पश्चात श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर कलश उठाया और भक्ति गीतों के साथ अपने घरों को लौट गए। मंगलवार की भोर में व्रती महिलाएं एक बार फिर घाटों पर पहुंचकर उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी, जिसके साथ यह चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व संपन्न होगा।
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