कांग्रेस ने पूछा- क्या स्वास्थ्य मंत्री के घर बुलडोजर चलेगा?:सिंघार बोले- बच्चों की मौतों का मामला करप्शन-कमीशन का; न्यायिक जांच हो

जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौतों के मामले में मध्य प्रदेश और राजस्थान के नेता प्रतिपक्षों ने दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी मुख्यालय में की गई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर सवाल उठाए हैं। सिंघार ने कहा- छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 15 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। हमारे विधायक सोहन बाल्मीकि ने पहले बच्चे की मौत के बाद कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखे। धरना प्रदर्शन किए लेकिन सरकार नहीं जागी। ये पूरा मामला करप्शन और कमीशन का है। इस मामले की न्यायिक जांच होना चाहिए। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल परासिया विधायक सोहन लाल बाल्मीकि ने कहा- मध्य प्रदेश सरकार छोटे-छोटे मामलों में लोगों का घर तुड़वा देती है, बुलडोजर चला देती है। इन बच्चों की हत्या के जिम्मेदार मध्य प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल जी हैं। क्या अब उनके घर पर बुलडोजर चलाया जाएगा? यह मध्य प्रदेश सरकार का फेल्योर
बाल्मीकि ने कहा- कल मुख्यमंत्री जी आए थे। दो-तीन बच्चों के परिवारों से मिले। उन्होंने कोई राहत देने की बात नहीं कही। स्थिति बहुत गंभीर है। यह मध्य प्रदेश सरकार का यह फेल्योर है। इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अपने ऊपर लें। आईसीएमआर की टीम दिल्ली से आई और सैंपल लेकर गई। 1 महीने बाद भी उसके रिजल्ट नहीं आ पाए। यदि समय पर ध्यान दिया जाता तो निश्चित रूप से मौतों को रोका जा सकता था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल रहे। बच्चे मर रहे थे और मुख्यमंत्री हाथियों को देख रहे थे
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- अगर ऐसे मामले सामने आते हैं तो यह नियम है कि सरकार को 72 घंटे में टेस्ट कराना जरूरी है। लेकिन, सरकार ने 72 घंटे में जांच नहीं कराई। जब ज्यादा हल्ला मचा तो एक परिवार की मृत बच्ची योगिता ठाकरे के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम कराया गया। सिंघार ने कहा- इस मामले में इति श्री करने के लिए एक डॉक्टर पर केस दर्ज कर दिया गया। यहां बच्चों की मौतें हो रही थीं और मुख्यमंत्री काजीरंगा पार्क में हाथी देख रहे थे। यह कैसे मुख्यमंत्री हैं? डिप्टी सीएम कह रहे थे- कफ सिरप से मौत नहीं हो रही
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- ये कैसी संवेदनशील सरकार है? जिसके स्वास्थ्य मंत्री चार दिन पहले कह रहे थे कि कफ सिरप से कोई मौत नहीं हो रही। वे तमिलनाडु की कंपनी को क्लीन चिट दे रहे थे। जिनका रीवा जिला पूरे देश में कफ सिरप का सबसे बड़ा नशे का अड्डा बन गया है। वे अपने जिले में इसे बंद नहीं कर पा रहे हैं। सिंघार ने पूछा- उप मुख्यमंत्री जी, तमिलनाडु की कंपनी के आपके साथ क्या संबंध हैं? आपने किस कारण उसके पक्ष में बयान दिया? इस पर मुख्यमंत्री जी क्यों चुप रहे? इलाज में खर्च हुआ पैसा सरकार वापस दे
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- बच्चों की कफ सिरप के कारण मौतें हो रही हैं। सरकार 4 लाख रुपए देना चाहती है। क्या एक मां की कोख उजाड़ने की कीमत सिर्फ चार लाख रुपए है? गरीब परिवारों ने अपने बच्चों को बचाने के लिए नागपुर के अस्पतालों में लाखों रुपए खर्च कर दिए। इलाज में जमीन, मकान, जेवर गिरवी रखने पड़े। मेरी मांग है कि बच्चों के इलाज में जिनका जितना पैसा खर्च हुआ है, उसके बिलों की राशि सरकार उस परिवार को दे। उन परिवारों के एक सदस्य को नौकरी देना चाहिए। मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… MP में जहरीले कफ सिरप से 17वीं मौत, सुप्रीम कोर्ट में याचिका- न्यायिक जांच कराएं जहरीला कफ सिरप पीने से सोमवार रात को एक और बच्चे की मौत हो गई। छिंदवाड़ा निवासी नवीन डेहरिया की डेढ़ साल की बेटी धानी डेहरिया ने नागपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उधर, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। पढ़ें पूरी खबर…

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