संभल में शरद पूर्णिमा पर गंगा स्नान:हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, बारिश से देरी से पहुंचे लोग

संभल में शरद पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिसमें तैराकों की तैनाती भी शामिल थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। मंगलवार को संभल जनपद की गुन्नौर तहसील के बबराला स्थित राजघाट, सिसौना डांडा और नंगा घाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। गंगा में पानी का बहाव तेज होने के कारण अधिकांश श्रद्धालुओं ने किनारे पर ही स्नान किया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटों पर पुलिस बल भी तैनात रहा। महेशानंद गिरी उर्फ नंगा बाबा ने बताया कि शरद पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा माना जाता है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व होता है। इसी दिन रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्म भी हुआ था। मान्यता है कि रात में चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जिसका पान करने के लिए खीर बनाई जाती है।
श्रद्धालु राजेंद्र के अनुसार, सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने रास रचाया था। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के कारण कई श्रद्धालु देरी से घाटों पर पहुंचे, जिससे उन्हें कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा।

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