मोहनलालगंज के कस्तूरबा बालिका विद्यालय फिर पहुंची जांच टीम:महिला अधिकारियों की टीम करेगी CCTV फुटेज की जांच, वार्डन के बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू
मोहनलालगंज तहसील के खुजौली गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में मंगलवार को एल बार फिर महिला अधिकारियों की टीम पहुंची है।डीएम के निर्देश पर जांच से जुड़े सभी तथ्य जो अभी तक नहीं मिल सके, उन्हें टीम जुटाएगी। साथ ही DVR की सभी फुटेज की स्क्रीनिंग की होनी है। वहीं, दूसरी तरफ विद्यालय की वार्डन का बर्खास्त होना तय है। उनको इस संबंध में बीएसए का नोटिस भेज दिया गया है। इससे पहले सोमवार शाम तक चली महिला अफसरों की जांच में प्रथम दृष्टया वार्डन पर लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं। इसी बीच स्कूल शिक्षा महानिदेशक की टीम श्री मोहनलालगंज पहुंची। उसकी जांच में भी वार्डन पर छात्राओं को पीटने, सफाई करवाने, बर्तन धुलवाने जैसे आरोप सही मिले हैं। डीएम ने बनाई थी टीम जिलाधिकारी विशाख जी की ओर से अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति ज्योति गौतम की अध्यक्षता में बनाई गई न सदस्यीय जांच कमेटी में शामिल नगर मजिस्ट्रेट शिप्रा पाल और कोऑपरेटिव वैशाली सिंह पुलिस अधिकारियों के साथ को दोबारा विद्यालय पहुंचीं। मने बताया कि जांच कमेटी ने दूसरे निकई छात्राओं के बयान रिकॉर्ड किए सवर्डन एवं प्रिंसिपल सुधा यादव को कदिन पहले अस्थायी रूप से हटाया बर्खास्त का नोटिस भेजा है। मला शनिवार को तब सामने आया, जब तहसील समाधान दिवस पर 10 छात्राओं ने वीडियो के साथ जिलाधिकारी विशाख जी से शिकायत की थी। प्रिंसिपल व वॉर्डन पर मारपीट, धमकाने और झाडू-पोछा करवाने काआरोप लगाया था। छात्राओं ने बताया कि रात में बाहरी लोग स्कूल आते थे। कोई छात्रा देख लेती तो उसे पीटा जाता था। खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से रविवार को मुकदमा दर्ज कराया गया है। स्कूल परिसर में रात नहीं बिताती वार्ड कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में तैनात वार्डन रात में स्कूल परिसर में नहीं रुकती हैं। इन्हें 24 घंटे स्कूल परिसर में रहना चाहिए। इसके बावजूद शाम होते ही अपने घर चली जाती हैं। रात को केयर टेकर ही रहती हैं। मोहनलालगंज के केजीबीवी की छात्राओं की शिकायत ने वार्डन की पोल खोल दी है। छात्राओं की सुरक्षा के नाम पर एक होमगार्ड व पीआरडी का जवान होता है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया किशासनदेश के अनुसार, इन विद्यालयों में वार्डन को 24 घंटे स्कूल परिसर में ही रहने का प्रावधान है। बिना विभागीय अधिकारियों को बताए वे गायब नहीं रह सकतीं। हालांकि, गोसाईगंज और सरोजनीनगर के केजीबीवी की छात्राओं के भागने वाले दिन वार्डन स्कूल में मौजूद नहीं थीं। जांच में भी पुष्टि हुई थी। जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस दिया था। इस सम्बंध में बीएसए राम प्रवेश को कॉल की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। एक छात्रा को सुनाई दे रहीं दो आवाजें मारपीट की शिकायत करने वाली 12 छात्राओं को मेडिकल के लिए सोमवार को सीएचसी मोहनलालगंज ले जाया गया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिवाकर भरद्वाज ने बताया कि इनमें से ज्यादातर छात्राओं ने हाथ व कान में दर्द की शिकायत की। मेडिकल में जाहिरा तौर पर चोटें नहीं पाई गईं। छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में छुट्टी के पहले मारा-पीटा गया था, जिसके चलते निशान मिट गए हैं लेकिन दर्द अब भी है। डॉक्टरों ने छात्राओं का मेडिकल करने के साथ दवाइयां देकर विद्यालय भेज दिया। एक छात्रा ने डॉक्टरों को बताया कि उसके कान पर मारा गया है, जिससे उसे दो-दो आवाजें सुनाई पड़ रही है। अधिकारियों की अनदेखी से पढ़ाई पर बढ़ा संकट मौजूदा समय विद्यालय में आठ में से तीन शिक्षिकाएं तैनात हैं। इनमें एक पूरे समय के लिए स्कूल में रहने के साथ दो अन्य शिक्षिकाएं सुबह 9 से दो बजे तक ही विद्यालय में रहती हैं।
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