क्या हुंडई का इतिहास दोहरा पाएगा एलजी इलेक्ट्रोनिक्स का IPO? टाटा कैपिटल से मिलेगी टक्कर
करीब एक साल के बाद एक और कोरियाई कंपनी भारत के शेयर बाजार में उतरने जा रही है. हुंडई के बाद एलजी इलेक्ट्रोनिक्स इंडिया का आईपीओ लॉन्च होने जा रहा है. भले ही हुंडई भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ, लेकिन एलजी इनेक्ट्रोनिक्स के आईपीओ का साइज भी छोटा नहीं है. वो भी तब जब सामने टाटा कैपिटल का आईपीओ सामने हो और शेयर बाजार में तेजी के रास्ते में थोड़ा बहुत बढ़ा हो. वहीं दूसरी ओर भारत मौजूदा समय में फेस्टिव सीजन के दौर से गुजर रहा है. जिसकी वजह से आम निवेशकों के बड़ा सवाल ये हो कि वो अपना पैसा शेयर बाजार में निवेश करें या फिर त्योहारों की तैयारियां करें.
वैसे एलजी के सामने एक और बड़ा सवाल है. वो ये कि क्या कोरियाई कंपनी अपनी ही हमवतन कंपनी हुंडई का इतिहास दोहरा पाएगी या नहीं. उसका कारण भी है. हुंडई उन गिनी चुनी कंपनियों में से एक है, जो 10 हजार करोड़ रुपए के ज्यादा से आईपीओ के होने के बाद भी निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न दे रही है. वैसे एलजी को विश्वास भी है, कि जिस तरह से भारत के निवेशकों ने हुंडई पर भरोसा जताया था, वैसा ही भरोसा उस पर भी जताएंगे. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एलजी इलेक्ट्रोनिक्स आईपीओ की खास बातें…
आज से शुरू हो रहा है एलजी का आईपीओ
डॉमेस्टिक डिवाइस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मेकर एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (एलजीईआई) ऑफर फॉर सेल के ज़रिए 11,607 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है. आईपीओ के बाद प्रमोटर की हिस्सेदारी 100 फीसदी से घटकर 85 फीसदी रह जाएगी. कंपनी का रेवेन्यू, एबिटा और एबिटा मार्जिन प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज़्यादा है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 के लिए इसका नेटवर्थ पर रिटर्न 37.1 फीसदी रहा, जो प्रतिस्पर्धियों के 9-19 फीसदी के मुकाबले काफ़ी ज़्यादा है. आईपीओ का वैल्यूएशन भी काफी आकर्षक है. इन फैक्टर्स को देखते हुए, निवेशक लंबी अवधि के नजरिए से इस आईपीओ पर विचार कर सकते हैं.
क्या है कंपनी के आईपीओ की खास बातें?
- कंपनी का आईपीओ 7 अक्टूबर यानी आज से शुरू हो रहा है, जोकि 9 अक्टूबर तक जारी रहेगा. ये आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस पर बेस्ड है.
- कंपनी ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड 1,080-1,140 रुपए तय किया है. जिसकी वजह से कंपनी का इश्यू साइज 11,607 करोड़ रुपए है.
- इस आईपीओ की वजह से कंपनी का मार्केट कैप 77,380 करोड़ रुपए हो सकता है. कंपनी के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपए है.
- कंपनी के आईपीओ में निवेश करने के लिए निवेशकों को कम से कम 13 शेयरों के एक लॉट में निवेश करना होगा.
- वहीं दूसरी ओर कंपनी की ओर से रिटेल निवेशकों के लिए इस आईपीओ में 35 फीसदी हिस्सेदारी तय की है.
क्या है कंपनी का बिजनेस?
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, जिसकी स्थापना 1997 में कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में हुई थी, प्रबंधन परामर्श फर्म रेडसीर के अनुसार, मोबाइल फोन को छोड़कर प्रमुख घरेलू उपकरणों और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में रेवेन्यू के हिसाब से बाज़ार हिस्सेदारी के मामले में अग्रणी रही है. इसका अनुमान है कि मोबाइल फ़ोन को छोड़कर भारतीय उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र वर्ष 2024 और 2029 के बीच सालाना 14 फीसदी की वृद्धि करेगा, जो एलजीईआई के लिए शुभ संकेत है.
इसके नोएडा और पुणे में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जिनकी क्षमता उपयोग क्रमशः 81 फीसदी और 73 फीसदी है. कंपनी आंध्र प्रदेश में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इकाई स्थापित कर रही है, जिसके वित्त वर्ष 2027 तक चालू होने की उम्मीद है. शुरुआत में यह एयर कंडीशनर और एयर कंडीशनर कंप्रेसर के प्रोडक्शन पर केंद्रित होगी, और उसके बाद भविष्य में वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर का निर्माण करेगी. जून 2025 तक, यह एशिया, अफ्रीका और यूरोप के 47 देशों को उत्पादों का निर्यात भी करती है.
क्या है कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन
वित्त वर्ष 2023 और 2025 के बीच कंपनी का रेवेन्यू और प्रोफिट सालाना 10.8 फीसदी और 28 फीसदी बढ़कर क्रमशः 24,366.6 करोड़ रुपए और 2,203.4 करोड़ फीसदी हो गया. अगर बात एबिटा मार्जिन की करें तो वित्त वर्ष 2023 के 9.5 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 12.8 फीसदी हो गया. कंपनी ब्रांड नाम के लिए मूल कंपनी को रॉयल्टी का भुगतान करती है, जो वित्त वर्ष 2025 तक के तीन वर्षों में प्रत्येक वर्ष 2 फीसदी से कम रही है. कंपनियां आमतौर पर मूल कंपनी को 2-3 फीसदी रॉयल्टी का भुगतान करती हैं.
टाटा कैपिटल की ठंडी शुरूआत
वहीं दूसरी ओर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल लिमिटेड के आईपीओ को सोमवार को बोली के पहले दिन 39 प्रतिशत बोलियां मिलीं. एनएसई पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आईपीओ में 33,34,36,996 शेयरों के मुकाबले 12,86,08,916 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं. क्यूआईबी के मामले में 52 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) की श्रेणी को 35 प्रतिशत बोलियां मिलीं. गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए निर्धारित हिस्से को 29 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ. टाटा कैपिटल ने शुक्रवार को 68 घरेलू और वैश्विक संस्थागत निवेशकों से 4,642 करोड़ रुपये जुटाए. कंपनी का 15,512 करोड़ रुपये का सार्वजनिक निर्गम आठ अक्टूबर को समाप्त होगा और इसकी मूल्य सीमा 310-326 रुपये प्रति शेयर है.
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