ध्वजारोहण समारोह में पीएम का आना तय, मिली सहमति:राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के आगमन को लेकर सहमति नहीं मिल सकी ,सर प्रमुख भागवत का आना पहले से तय

मंदिर निर्माण की पूर्णता के बाद रामजन्मभूमि परिसर में 23 से 25 नवंबर के बीच आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सम्मिलित होंगे। तीन दिन पूर्व पीएम के आगमन को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली गए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सहमति प्रदान कर दी है। यद्यपि अभी राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के आगमन को लेकर सहमति नहीं मिल सकी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत का आना पिछले दिनों ही तय हो गया है। गत साढ़े चार वर्षों से रामजन्मभूमि परिसर में चल रहा मंदिरों का निर्माण अब अक्टूबर में पूर्ण होने जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अभूतपूर्व क्षण को यादगार बनाने के लिए वृहद उत्सव की रूपरेखा खींची है। इस आयोजन में लगभग दस हजार अतिथियों को आमंत्रित करने की तैयारी चल रही है।
इसी अवसर पर राम मंदिर सहित इसके पूरक सात मंदिरों के शिखर पर भी सनातन ध्वजा फहराई जानी है। इस उत्सव में सम्मिलित होने के लिए ट्रस्ट ने गत दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय व राष्ट्रपति भवन को पत्र भेज कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का कार्यक्रम मांगा था, परंतु कई दिनों बाद भी सहमति प्रदान किए जाने के संबंध में कोई पत्र नहीं आया। यद्यपि इस बीच आरएसएस प्रमुख डा. मोहन भागवत की ओर से आगमन की सहमति जता दी गई। अब जबकि आयोजन में कम समय शेष है और आयोजन समिति इसकी रूपरेखा को तैयार करने में जुटी है तो प्रधानमंत्री का आगमन सुनिश्चित करने के संबंध में तीन दिन पूर्व ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय प्रधानमंत्री कार्यालय गए थे। सूत्रों ने बताया कि पीएमओ ने महासचिव को प्रधानमंत्री के आने को लेकर सहमति प्रदान कर दी है। हालांकि ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र व राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इन्कार किया है। वहीं, आरएसएस के एक पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए संभावना जताई कि शीघ्र ही राष्ट्रपति का आगमन भी तय हो जाएगा।

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