सनातन धर्म काल भैरव जंयती का विशेष महत्व है। हर साल मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव के रौद्र रुप काल भैरव की जयंती मनाई जाती है। इस बार काल भैरव की जयंती कल यानी के 12 नवंबर को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म इस तिथि को बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शंकर ने काल भैरव रूप में अवतार लेकर अधर्म और अहंकार का नाश किया था। इसे भैरव अष्टमी, कालाष्टमी या काल भैरव जयंती के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन अगर आप श्रद्धा भाव से काल भैरव की पूजा करके उनकी प्रिय चीजों का भोग अर्पित करेंगी, तो जीवन से सभी तरह के दोष, भय, ऋण और और नकारात्मकता समाप्त हो जाती है। इस दिन भैरव बाबा के प्रिय वस्तुओंको भोग जरुर लगाएं। आइए आपको बताते हैं किन चीजों का भोग काल भैरव को सबसे प्रिय है।
इमरती
काल भैरव जंयती पर भगवान भैरव को इमरती का भोग जरुर अर्पित करें। बाबा का यह प्रिय भोग और इसे अर्पित करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
शराब
कुछ जगहों पर काल भैरव को कच्ची या देसी शराब का भोग लगाने की परंपरा है। यह प्रथा स्थानीय रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है। लेकिन हर जगह यह जरुरी नहीं मानी जाती है।
उड़द की खिचड़ी
काले उड़द की खिचड़ी भगवान भैरव को अति प्रिय है। इसका भोग लगाने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती है और आपके रुके हुए काम में सफलता प्राप्त होती है।
काले तिल से बनी वस्तुएं
भगवान भैरव को काले तिल अति प्रिय है। ऐसे में आप तिल से बनी मिठाइयां जैसे लड्डू, रेवड़ी या गजक का भोग लगाने से शनि दोष के प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है। जीवन में स्थिरता आ जाती है।
दही वड़ा
उड़द दाल से बनें हुए दही वड़े का भोग लगाने से काल भैरव की उग्र ऊर्जा शांत होती है। दही वड़ा का भोग लगाने से मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन प्राप्त होते हैं।
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