पंजाब में तरनतारन उपचुनाव की घोषणा आज:बिहार चुनाव के साथ वोटिंग होगी, 4 प्रमुख पार्टियां अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकीं
भारतीय चुनाव आयोग आज (6 अक्टूबर) बिहार विधानसभा चुनाव के शेड्यूल के साथ पंजाब में तरनतारन के उपचुनाव की तारीख की भी घोषणा कर सकता है। इसके लिए शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसलिए, पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले पूरी होना जरूरी है। अनुमान है कि तरनतारन उपचुनाव भी इन्हीं तारीखों के दौरान होगा। चुनाव की घोषणा से पहले सभी प्रमुख पार्टियों ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद घोषित उम्मीदवार अपना प्रचार शुरू करेंगे। 4 प्रमुख पार्टियों के ये हैं उम्मीदवार 1. AAP ने दलबदलू को मौका दिया
पंजाब में तरनतारन उपचुनाव के लिए 4 प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, AAP, अकाली दल और भाजपा ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इनमें AAP ने एक बार फिर दलबदलू को मौका दिया है। CM भगवंत मान ने बीते शुक्रवार को हरमीत संधू को उम्मीदवार घोषित किया। वह अकाली दल छोड़कर AAP में शामिल हुए। साल 2022 में 117 में से 92 सीटें जीतने वाली AAP ने पंजाब की सीटों पर हुए ज्यादातर उपचुनाव में दूसरी पार्टी से नेता लाकर चुनाव लड़ाए और जीते भी। तरनतारन से पहले 3 सीटों पर AAP को उपचुनाव में जीत मिली। 2. कांग्रेस ने टकसाली नेता को चुना
कांग्रेस ने यहां से करणबीर सिंह बुर्ज को उम्मीदवार बनाया है। बुर्ज कांग्रेस किसान सेल के वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं और जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं। वह कांग्रेस किसान सेल के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। बुर्ज का संबंध तरनतारन क्षेत्र से है और वह लगातार क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों व किसान समस्याओं को उठाते रहे हैं। वह पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा के समर्थक व करीबी माने जाते हैं। 3. भाजपा ने भी पूर्व अकाली को दी टिकट
भाजपा ने पूर्व अकाली व यूथ अकाली नेता रहे हरजीत सिंह संधू को कैंडिडेट बनाया है। वह दिसंबर 2022 से भाजपा तरनतारन के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लोकल पॉलिटिक्स व संगठन में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2007 में शिरोमणि अकाली दल के यूथ विंग से की, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 4. अकाली दल ने आजाद ग्रुप के साथ मिलाया हाथ
शिरोमणि अकाली दल ने प्रिंसिपल सुखविंदर कौर रंधावा को तरनतारन उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। उनकी पहचान “आजाद ग्रुप” की प्रमुख नेता के रूप में है। उनकी अगुआई में लोकल ग्रुप निकाय चुनाव लड़े थे, जिसके बाद 43 सरपंच, 8 नगर परिषद पार्षद और कई पूर्व चेयरमैन उनके साथ हैं। इसलिए, उनका जनाधार काफी मजबूत माना जाता है। सुखविंदर कौर पहले स्कूल प्रिंसिपल रह चुकी हैं। इस वजह से लोकल लोगों में उनकी समाजसेवी और अनुशासित नेतृत्व की छवि है।
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