भारतीय नौसेना में आज INS अंद्रोथ की कमीशनिंग:इसमें रॉकेट लॉन्चर्स, नवल सर्फेस गन; इसके निर्माण में 80% सामान भारतीय
भारतीय नौसेना सोमवार को अपनी दूसरी पनडुब्बी रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) ‘अंद्रोथ’ को अपनी फ्लीट में शामिल करेगी। यह समारोह विशाखापट्टनम नौसैनिक डॉकयार्ड में होगा। इसकी अध्यक्षता वाइस एडमिरल राजेश पेंढरकर, ईस्टर्न नेवल कमांड के चीफ करेंगे। ‘अंद्रोथ’ का निर्माण भारतीय शिपयार्ड कंपनी कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने किया है। इसमें निर्माण में 80% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस जहाज से नौसेना की पनडुब्बी हमला रोकने की क्षमता मजबूत होगी। सबसे ज्यादा फायदा तटीय इलाकों में होगा। हाल ही में नौसेना ने कई एडवांस जहाज शामिल किए हैं। इनमें अर्नाला, निस्तार, उदयगिरि, नीलगिरि शामिल हैं। ये सभी जहाज देश की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को दर्शाते हैं, जिनमें ज्यादातर चीजें, डिजाइन और तकनीक भारत में ही बनाई गई हैं। अंद्रोथ दरअसल लक्षद्वीप के एक प्रसिद्ध द्वीप का नाम है। यह द्वीप न सिर्फ लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है, बल्कि अपनी खूबसूरती और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहां घने नारियल के पेड़, शांत वातावरण और साफ समुद्री तट हैं। 26 अगस्त: NS उदयगिरि और INS हिमगिरि नेवी में शामिल 26 अगस्त को इंडियन नेवी को दो नए युद्धपोत INS उदयगिरि और INS हिमगिरि मिले थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कमीशनिंग सेरेमनी में कहा था कि नौसेना ने स्वदेशी F-35 युद्धपोत कमीशन किया है। एक देश के पास उड़ने वाला F-35 है। ये पूरी तरह से भारत में बना है। दोनों युद्धपोत इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि ये दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और वॉयस सेंसर से बचे रहेंगे। इनकी तैनाती इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में होगी। दोनों युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली बराक-8 मिसाइल से लैस हैं। इनमें 76mm नौसैनिक बंदूकें और पानी के अंदर चलने वाला टारपीडो विस्फोटक हथियार भी है। INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है। इसका नाम पुराने INS हिमगिरि से लिया गया हैै। INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत सीरीज के नाम पर रखा गया है, जो सिर्फ 37 महीनों में बना है। पूरी खबर पढ़ें… 18 जुलाई: INS निस्तार की कमीशनिंग देश में बना पहला डाइविंग सपोर्ट जहाज INS निस्तार की 18जुलाई को नेवी में कमीशनिंग हुई थी। इसे समुद्र के अंदर 300 मीटर तक रेस्क्यू अभियान के लिए बनाया गया है। इस जहाज का वजन 10,000 टन से ज्यादा है। साथ ही 118 मीटर लंबा है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा था कि INS निस्तार ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रतीक है। इस जहाज के निर्माण में 120 MSMEs (लघु उद्योग) और 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का योगदान है। भारत की शिपयार्ड इंडस्ट्री अब इतनी सक्षम हो चुकी है कि वह इंटरनेशनल लेवल के वॉर-शिप भी बना सकती है। पूरी खबर पढ़ें… 1 जुलाई: जंगी जहाज तमाल नौसेना में शामिल 1 जुलाई को भारतीय नौसेना को सबसे आधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट ‘INS तमाल’ मिला था। INS तमाल को रूस के कैलिनिनग्राद में कमीशन किया गया था। तमाल रूस से मिला आठवां और तुशिल क्लास की दूसरी वॉरशिप है। यह 2016 में हुए भारत-रूस रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार तलवार-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो रूस के यंतर शिपयार्ड में और दो भारत के गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं। INS तमाल ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है और रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा। इसे नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल किया जाएगा। जहां ये अरब-हिंद सागर में तैनात होगा और पाकिस्तानी सीमा की निगरानी करेगा। पूरी खबर पढ़ें… 18 जून: देश को मिला पहला शैलो वाटर क्राफ्ट INS अर्णाला 18 जून को देश के पहले एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) INS अर्णाला का कमीशन हुआ था। इसे विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में कमीशन किया गया था। कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर CDS जनरल अनिल चौहान मौजूद रहे थे। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर इसे यह नाम दिया गया। यह जहाज हिंद महासागर में नौसेना की दमदार मौजूदगी के लिए डिजाइन किया गया। जो उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, ट्रैक और डिएक्टिवेट करने में सक्षम है। पूरी खबर पढ़ें… भारतीय नौसेना कितनी मजबूत मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौ सेना के पास कुल 20 पनडुब्बियां हैं। इनमें 2 परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, एक परमाणु-संचालित अटैकर पनडुब्बी, 17 ट्रेडिशनल डीजल-इलेक्ट्रिक अटैकर पनडुब्बियां हैं। 13 विध्वंसक (Destroyers) जहाज हैं। इनके अलावा 15 फ्रिगेट्स, 18 कॉर्वेट्स, एक उभयचर परिवहन डॉक (INS जलाश्व), 4 टैंक लैंडिंग जहाज, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, एक माइन काउंटरमेजर जहाज और 30 गश्ती जहाज हैं। भारतीय नौसेना का लक्ष्य 2035 तक 175 जहाजों की नौसेना बनाना है, जिसमें 50 जहाज वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। 2025 तक, भारतीय नौसेना के पास लगभग 135+ युद्धपोत सक्रिय सेवा में हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जहाज शामिल हैं। वहीं, INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत समेत 2 मॉडर्न विमानवाहक पोत हैं। ……………………… ये खबर भी पढ़ें… भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील साइन:63 हजार करोड़ रुपए में 26 राफेल मरीन मिलेंगे, पहला फाइटर जेट 2028 में भारत पहुंचेगा भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को नई दिल्ली में 26 राफेल मरीन विमानों की डील साइन हो गई। भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने डील पर साइन किए। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। पूरी खबर पढ़ें…
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/KVECkNO
Leave a Reply