सीतापुर में 25वें दिन पकड़ा गया बाघ:20 सितंबर को पकड़ी गई थी बाघिन, किसान की मौत के बाद लगातार निगरानी

सीतापुर के विकास खंड महोली क्षेत्र में बाघ का आतंक झेल रहे ग्रामीणों को आखिरकार फिर से राहत मिली है। वन विभाग की टीम ने बाघिन के पकड़े जाने के 25वें दिन लगातार निगरानी के बाद नरनी गांव से एक बाघ को पिंजरे में कैद करने में सफलता हासिल की। बाघ की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बताया जाता है कि पिछले दो महीनों से बाघ ने इलाके में दहशत मचा रखी थी। इस दौरान बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, बाघ को पकड़ने की कोशिश में वन विभाग ने छह पड़वे (बछड़े) चारे के रूप में बांधे थे, जिन्हें बाघ ने अपना शिकार बना लिया। लगातार हो रहे हमलों और गहमागहमी के कारण ग्रामीण खेतों में काम करने से भी डरने लगे थे। वन विभाग अधिकारियों के अनुसार, 20 सितंबर की रात भी इसी इलाके से एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा गया था, जिसे बाद में गोरखपुर भेजा गया था। टीम का कहना है कि अब पकड़ा गया बाघ अलग है और यह कई दिनों से नरनी गांव के आसपास सक्रिय था। ग्रामीणों की शिकायतों और कई बार देखे जाने की पुष्टि के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके तहत बाघ को पिंजरे में बंद किया गया। वन विभाग की टीम ने बताया कि पकड़े गए बाघ को सुरक्षित वन उद्यान पार्क भेजा जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इलाके में अब और बाघ की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर गश्त और निगरानी जारी रखी जाएगी।

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