बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कौन सा काढ़ा देना चाहिए, एम्स आयुर्वेदा के डॉक्टर से जानें

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कौन सा काढ़ा देना चाहिए, एम्स आयुर्वेदा के डॉक्टर से जानें

Ayurvedic Kadha: बदलते मौसम में बच्चों की इम्यूनिटी और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है. ठंडी हवाएं, धूल-मिट्टी और वायरल संक्रमण बच्चों को जल्दी बीमार बना सकते हैं. इस समय उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी-जुकाम, खांसी और गले की खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं और उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है. ऐसे में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में बेहद मददगार साबित होते हैं. आयुर्वेद में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खास हर्बल काढ़ा बताया गया हैं, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता हैं. आइए, इस हर्बल काढ़े के बारे में जानते हैं.

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी का काढ़ा सबसे प्रभावशाली माना जाता है. तुलसी की पत्तियों को उबालकर तैयार किया गया काढ़ा गले की खराश को कम करता है, शरीर को ठंड और वायरल संक्रमण से बचाता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है. इसमें अगर सितोपलादि चूर्ण मिलाकर दिया जाए तो यह और भी फायदेमंद हो जाता है. सितोपलादि चूर्ण में मिश्री, वंशलोचन, पीपल, इलायची और दालचीनी जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र
को मजबूत करते हैं. मिश्री गले को ठंडक देती है और जलन को शांत करती है, वंशलोचन बलगम को पतला करता है, पीपल फेफड़ों की सफाई में मदद करता है, इलायची पाचन सुधारती है और दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. इन सभी तत्वों का संयोजन बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने, सांस की नलिकाओं की रक्षा करने और बार-बार होने वाले संक्रमण से बचाने में लाभकारी है.

तुलसी और सितोपलादि चूर्ण के फायदे और सेवन

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा में डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति बताते हैं कि तुलसी और सितोपलादि चूर्ण न केवल बच्चों की इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि ये कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी मदद करते हैं. तुलसी काढ़ा गले की खराश, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत देता है. सितोपलादि चूर्ण बलगम को पतला करके सांस की नलिकाओं को साफ करता है और फेफड़ों की सफाई में सहायक होता है. यह अस्थमा के शुरुआती लक्षणों, साइनस और हल्की एलर्जी में भी लाभकारी है.

डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि इसका सेवन करने के लिए काढ़े को हल्का गुनगुना करके दिन में 1 से 2 बार दिया जा सकता है और चूर्ण को तुलसी काढ़े में मिलाकर छोटे बच्चों को चम्मच की मदद से दिया जा सकता है. नियमित सेवन से बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत होती है, शरीर अंदर से स्वस्थ रहता है और मौसम के बदलाव के दौरान बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है.

इन चीजों का ध्यान रखें

काढ़ा और चूर्ण देने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह लें.

बच्चों को ज्यादा मात्रा न दें, केवल सुझाई गई मात्रा ही दें.

डायबिटीज वाले बच्चों में मिश्री की मात्रा कम रखें.

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सेवन से पहले डॉक्टर की राय जरूरी है.

गंभीर बीमारी या लगातार बढ़ती खांसी/बुखार में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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