वांगचुक की मांग– लेह हिंसा की न्यायिक जांच हो:कहा- जब तक ऐसा नहीं होता, जेल में रहूंगा; 4 लोगों की जान गई थी
सोनम वांगचुक ने 24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई 4 लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने जोधपुर सेंट्रल जेल से लेटर लिखा है, जो रविवार को सार्वजनिक किया गया। वांगचुक ने लिखा- जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों और गिरफ्तार लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं। 4 लोगों की मौत की जांच एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग से होनी चाहिए, जब तक ऐसा नहीं होता, मैं जेल में ही रहूंगा। यह चिट्ठी एडवोकेट मुस्तफा हाजी ने साझा की है, जो लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के कानूनी सलाहकार हैं। उन्होंने और वांगचुक के भाई भाई त्सेतन दोरजे ले ने 4 अक्टूबर को जेल में वांगचुक से मुलाकात की थी। दरअसल, वांगचुक को 24 सितंबर को लेह हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल जोधपुर की जेल में हैंं। वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर लगाई गई हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी। वांगचुक ने KDA का समर्थन किया वांगचुक ने कहा कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने लेटर में LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) को पूरा समर्थन देने की बात कही। उन्होंने लिखा- लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की हमारी मांग संवैधानिक और न्यायसंगत है। LAB जो भी कदम लद्दाख के हित में उठाएगा, मैं उसके साथ पूरी तरह हूं। वांगचुक की हिरासत पर 6 अक्टूबर को सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर लगाई गई याचिका पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। गीतांजलि ने अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया था कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। क्या है हैबियस कार्पस… हेबियस कार्पस लैटिन भाषा का शब्द है, इसका मतलब होता है- शरीर सामने लाओ। यानी किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से गिरफ्तार किया है, हिरासत में रखा है, तो अदालत उस व्यक्ति को तुरंत कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दे सकती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 और 226 के तहत यह अधिकार हर नागरिक को मिला है। कोई भी व्यक्ति, उसका परिवार/दोस्त हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस रिट दायर कर सकता है। आदेश के बाद पुलिस को पूरी जानकारी कोर्ट के सामने रखनी होती है। गीतांजलि का आरोप- उनका पीछा किया जा रहा है अंगमो ने ANI को बताया था, “दिल्ली में हर जगह मेरा पीछा किया जा रहा है। मैं जहां भी जाती हूं, एक कार मेरा पीछा करती है। हमारे साथ मिलकर काम करने वाले एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। उसे पीटा जा रहा है और मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।” PM, प्रेसिडेंट और गृह मंत्री को लेटर लिख चुकीं अंगमो अंगमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को लेटर लिखा था। जिसकी कॉपी उन्होंने X पर शेयर की थी। अंगमो का आरोप है कि वांगचुक को शांत कराने के लिए पिछले महीने से विच हंट शुरू किया गया है। अंगमो ने कहा था कि वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र की तो बात ही छोड़ दें। सोनम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी के 3 रिएक्शन… ————————- ये खबर भी पढ़ें… उद्धव बोले- पाकिस्तान जाने पर वांगचुक देशद्रोही फिर मोदी क्या: न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार की आलोचना की। दादर वेस्ट में दशहरा मेला में ठाकरे ने कहा- देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह हो गया है। ठाकरे ने कहा- वांगचुक देशद्रोही नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। अगर वांगचुक को इसके लिए गिरफ्तार किया जा सकता है, तो नवाज शरीफ से मिलने मोदी जी के जाने के बारे में आप क्या कहेंगे? पढ़ें पूरी खबर…
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