छठ पर्व भोजपुरी समाज के लाखों लोगों के आस्था का महापर्व हैं। घरों और घाटों पर खूब धूमधाम के साथ तैयारियां तेज चल रही हैं, लेकिन छठ घाटों पर बहता नाले जैसा गंदा पानी लोगों के लिए समस्या बन सकता है। दैनिक भास्कर की टीम ने सीटीआई नहर का नजारा देखा, जहां पर काला पानी अभी भी बह रहा हैं। गंदगी भी ऊपर तैर रही हैं। कल घाटों पर सूर्य को अर्घ देंगी महिलाएं 25 अक्टूबर से शुरू हुआ ये पर्व 28 अक्टूबर तक चलेगा। इसके अलावा 27 अक्टूबर को महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ देंगी, लेकिन ऐसे पानी में यदि कुछ देर महिलाएं खड़ी हो जाएगी तो वो उनकी स्किन के लिए समस्या बनकर सामने आएगी। इसके अलावा 28 अक्टूबर की सुबह महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ देंगी। रोज अधिकारी कर रहे निरीक्षण तब हालात ऐसे छठ पर्व को लेकर रोजाना अधिकारी घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके बावजूद घाटों के पानी की स्थिति ऐसी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब अधिकारी मौके पर जाकर खुद ये स्थिति देख रहे हैं तो फिर नहरों का ऐसा हाल क्यों हैं। अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों ने भी घाटों का निरीक्षण किया। भोजपुरी समाज के बर्दाश्त नहीं करेगा भोजपुरी समाज छठ केंद्र समिति के अध्यक्ष संतोष गहमरी ने कहा कि ये अधिकारियों की घोर लापरवाही हैं। लगातार हम लोग घाटों की सफाई के लिए कह रहे हैं। ये भोजपुरी समाज का एक बड़ा पर्व हैं। समाज के लाखों लोग इस पर्व को बड़ी श्रृद्धा और भाव के साथ मनाते हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की ये लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्किन की हो सकती है समस्या कानपुर मेडिकल कॉलेज के स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ. डीपी शिवहरे ने बताया कि इस गंदे पानी में कई प्रकार के रसायनों का मिश्रण होता हैं। इस कारण शरीर में फंगस, छाले, फफोले, खुजली, एलर्जी जैसी कई समस्या हो सकती हैं। जिसको कोई पुरानी बीमारी होती है, उसकी वो बीमारी भी बढ़ सकती हैं। इसलिए घाट पर जाने से पहले मॉइश्चराइजर या एलोवेरा जेल लगाकर जाए। इसके बाद घाट से आकर पैरों को अच्छी तरह से धोए और फिर से मॉइश्चराइजर अच्छे से लगा लें।
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