अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति का राज्य सम्मेलन:लखनऊ में महिलाओं ने संघर्ष तेज किया, 30 महिलाओं ने हिस्सा लिया
लखनऊ के उद्यान भवन प्रेक्षागृह में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) उत्तर प्रदेश का 13वां राज्य सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में महिलाओं ने हिंसा, अशिक्षा, बेरोजगारी और समानता के अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया। शनिवार को हुए इस आयोजन में 15 जिलों की 130 महिलाओं ने भाग लिया। सम्मेलन की मुख्य अतिथि लेखिका नेहा दीक्षित ने कहा कि खेत, घर, शिक्षा और यौन हिंसा जैसे मुद्दे महिलाओं से सीधे तौर पर जुड़े हैं, लेकिन मीडिया ने उन्हें रसोई तक सीमित कर दिया है। उन्होंने डिजिटलीकरण और सरकारी नीतियों की उदासीनता के कारण महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित होने पर चिंता व्यक्त की। दीक्षित ने बताया कि मेहनतकश महिलाओं को राशन पाने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। संगठन मनुवाद को स्वीकार नहीं करेगा एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संगठन मनुवाद को स्वीकार नहीं करेगा और संविधान में मिले अधिकारों की रक्षा करेगा। अली ने बलात्कारियों को सम्मानित करने की घटनाओं और हाथरस पीड़िता को न्याय न मिलने पर भी सवाल उठाए। महासचिव मरियम धावले ने सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार पर जोर दिया। उन्होंने एडवा द्वारा 26 राज्यों में आयोजित सम्मेलनों का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन की लड़ाई महंगाई, शिक्षा, रोजगार, पानी और जमीन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से भी संबंधित है। भीतरी बेड़ियों को तोड़ने का आह्वान सम्मेलन का संचालन मधु गर्ग ने किया, जबकि स्वागत भाषण वंदना मिश्र ने दिया। मिश्र ने महिलाओं को बाहरी और भीतरी दोनों तरह की बेड़ियों को तोड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम की शुरुआत दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और बुशरा नकवी के गीत ‘हम मेहनतकश जगवालों से…’ के साथ हुई। इस अवसर पर सुषमा यादव, सीमा यादव और बुशरा सुमन पांडे को महिलाओं के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. नदीम हसनैन, प्रो. रमेश दीक्षित, वंदना राय, सरोज कुशवाहा, किरन, सुमन सिंह, सीमा कटियार और नाइश हसन सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
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