राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अगले एक साल तक यूपी के 3 करोड़ परिवारों तक पहुंचेगा। संघ की ओर से प्रदेश की हर न्याय पंचायत में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके जरिए संघ हिंदुओं को राष्ट्र और समाज की रक्षा के लिए जागृत करने के साथ पंच परिवर्तन को भी जीवन का संकल्प बनाने का आह्वान करेगा। संघ के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में स्थित सभी 6 प्रांतों में शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को लेकर तैयारी तेज हो गई है। विजयादशमी से आरएसएस के शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई है। शताब्दी वर्ष अगले साल विजयादशमी-2026 को समाप्त होगा। संघ ने शताब्दी वर्ष तक प्रदेश की हर न्याय पंचायत में संघ की शाखा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही हर ग्राम पंचायत में किसी ने किसी रूप में संघ की उपस्थिति दर्ज कराने का भी लक्ष्य है। संघ ने शताब्दी वर्ष में अपने विस्तार के साथ हिंदू धर्म के हर तबके को अपने साथ जोड़ने का अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में पहले चरण में संघ ने 2 से 12 अक्टूबर तक हर नगर में पथ संचलन का आयोजन कर अपनी शक्ति और उपस्थिति का परिचय कराया है। संघ का लक्ष्य क्या : 3 करोड़ परिवार तक पहुंचेंगे
आरएसएस यूपी में करीब 3 करोड़ परिवारों तक संपर्क करेगा। हर परिवार को एक फोल्डर दिया जाएगा। इसमें संघ के 100 साल के इतिहास पर प्रकाशित एक पुस्तक होगी और भारत माता का चित्र दिया जाएगा। पुस्तक में 1925 में संघ की स्थापना से लेकर 2025 तक के संघ के सफर की विस्तार से जानकारी होगी। साथ ही वर्तमान में संघ की भूमिका और बीते 100 साल में भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के प्रयास का भी जिक्र होगा। संघ यह भी बताएगा कि वर्तमान और आगामी समय में संगठन के क्या-क्या कार्यक्रम रहेंगे। संघ क्या करेगा : हिंदू सम्मेलन करेगा, जिसमें राष्ट्रवाद को धार दी जाएगी
संघ की ओर से होने वाले हिंदू सम्मेलनों में सभी हिंदुओं को आमंत्रित किया जाएगा। उन्हें धर्म, समाज और राष्ट्र की रक्षा में उनकी भूमिका बताने के साथ पंच परिवर्तन को अपनाने का संकल्प दिया जाएगा। सम्मेलन में पुरुषों के साथ महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर भी जोर रहेगा। संघ के एक पदाधिकारी बताते हैं कि हिंदू सम्मेलन में अवैध धर्मांतरण को रोकने और बेटियों को लव जिहाद से बचाने का भी रास्ता दिखाया जाएगा। धर्मांतरण के खिलाफ जागरूकता
संघ के पदाधिकारी बताते हैं- यूपी के नेपाल की सीमा से सटे जिलों और उनके आसपास के जिलों में ईसाई और मुस्लिम संस्थाओं की ओर से धर्मांतरण कराने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खासतौर पर ईसाई और मुस्लिम संस्थाएं हिंदू धर्म की अति पिछड़ी, आदिवासी जातियों को अपना निशाना बना रही हैं। संघ ने इस दिशा में अब तेजी से काम किया है। अति पिछड़ी, अति दलित और आदिवासी जातियों के बीच जाकर उन्हें जागृत किया जा रहा है। उनके समाज से जुड़े प्रमुख लोगों को संघ की शाखाओं से जोड़ने के साथ उन्हें धर्मांतरण के खिलाफ मुहिम में शामिल किया जा रहा है। उनके समाज से जुड़े लोगों को संघ मंच भी प्रदान कर रहा है। पंच परिवर्तन को जीवन का संकल्प बनाने का आह्वान 1-समाज को एकजुट करने के लिए कुटुंब प्रबोधन आवश्यक
संघ का मानना है कि आज समाज में अनुशासन समाप्त होता जा रहा है। कुटुंब प्रबोधन के जरिए समाज को संभाल कर रखना जरूरी है। समाज मजबूत होगा, तभी राष्ट्र मजबूत होगा। संघ खासतौर पर न्यूक्लियर परिवारों (एकल परिवार) की जगह संयुक्त परिवारों पर फोकस रहा है। न्यूक्लियर परिवारों के कारण बुजुर्गों के जीवन पर पड़ रहे असर के उदाहरण समाज के सामने पेश कर संघ प्रयास कर रहा है कि परिवार में बच्चों की संख्या एक तक सीमित नहीं रहे। साथ ही भाइयों के परिवार भी एक साथ रहें। 2- पर्यावरण संरक्षण
संघ का मानना है कि पर्यावरण हमारा मूल विषय है। यह शास्त्रों से लेकर सभी जगह मिलता है। ग्लोबल वार्मिंग के दौर में पर्यावरण संरक्षण का महत्व बढ़ गया है। संघ का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण की उपेक्षा से ही इसके गंभीर परिणाम आज सभी के सामने हैं। अगर पर्यावरण संरक्षण को अभी जीवन का अंग नहीं बनाया गया, तो आगामी समय में इससे भी गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रकृति के साथ तालमेल सहभागिता की जरूरत है। 3- दलितों के साथ अच्छा व्यवहार
संघ के पंच परिवर्तन में सामाजिक समरसता को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। संघ का मानना है कि सामाजिक समरसता व्यवहार में भी दिखनी चाहिए। प्रत्येक पिछड़े, अति पिछड़े और दलित व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश का अधिकार मिलना चाहिए। गांवों में श्मशान में उनके भी शवों का अंतिम संस्कार होना चाहिए। गांवों के जल स्रोतों पर उनका भी उतना ही अधिकार है, जितना अगड़ी जातियों का है। इतना ही नहीं, दफ्तर, घर, परिवार में काम करने वाले दलितों के साथ भी व्यवहार अच्छा होना चाहिए। 4- नागरिक कर्तव्य की शिक्षा
संघ का मानना है कि व्यक्ति को हर काम के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। पंच परिवर्तन में नागरिक कर्तव्य को संघ ने महत्व दिया है। नागरिक जिस तरह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहते हैं, उसी तरह अपने कर्तव्य के प्रति भी सजग रहें। आसपास के माहौल को स्वच्छ रखने, शांति व्यवस्था बनाए रखने, कानून का पालन करने, ट्रैफिक नियमों का पालन करने के साथ समाज की सुरक्षा के लिए संविधान प्रदत्त नागरिक कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। 5- वोकल फॉर लोकल
पंच परिवर्तन में स्वदेशी पर भी संघ ने फोकस किया है। संघ की ओर से शताब्दी वर्ष में स्वदेशी पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को भी सक्रिय किया गया है। संघ का मानना है कि स्वदेशी केवल आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि इसका संबंध सांस्कृतिक चेतना और धर्म के साथ हमारे पूर्वजों और राष्ट्रीयता से भी गहरा संबंध है। संघ के अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख अशोक दुबे बताते हैं- संघ ने 100 साल में जो काम किया है, उसे समाज के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही समाज को साथ लेकर समाज में परिवर्तन करने की दिशा में आगे बढ़ना है। समाज को जोड़ने के लिए पंच परिवर्तन को आधार बनाया जाएगा। समाज की सृजनशक्ति को जोड़कर समाज को परिवर्तन कर देश को परम वैभव पर लेकर जाना है। इसमें संपूर्ण समाज का सहयोग जरूरी है। यह एक वर्ष का काम नहीं है, यह काम लगातार चलता रहेगा। संघ विचारक अशोक सिन्हा का कहना है- यह सामाजिक परिवर्तन का युग है, संघ सामाजिक परिवर्तन चाहता है। भारत हिंदू राष्ट्र तो है, लेकिन लोग हिंदू राष्ट्र के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। शताब्दी वर्ष के जरिए संघ ने पंच परिवर्तन का प्रण लिया है, उसके जरिए नागरिकों में यह बदलाव लाएं, ताकि भारत विश्वगुरु बन सके। पंच परिवर्तन के जरिए समाज में बदलाव लाने का प्रयास है। संघ के अभियान का असर क्या?
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्ट मानते हैं- समाज उत्थान और समाज को जागरूक करने के लिए संघ की ओर से जो भी काम किया जाता है, उसका किसी न किसी रूप में भाजपा को फायदा मिलता ही है। शताब्दी वर्ष में संघ के कार्यक्रमों का भी जरूर असर होगा। ————————– ये खबर भी पढ़ें… सहारनपुर के रहने वाले पूर्व DGP के बेटे की डेथ-मिस्ट्री, SIT को घर से मिली अकील की डायरी पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी एसआईटी शुक्रवार देर रात यूपी के सहारनपुर पहुंची। पूर्व डीजीपी, सहारनपुर के ही रहने वाले हैं। यहां पहुंची पंचकूला एसआईटी ने उस डायरी को अपने कब्जे में ले लिया जिसमें सुसाइड नोट होने का दावा किया जा रहा। डायरी कब्जे में लेने के बाद रात में ही वापस लौट गई। पढ़ें पूरी खबर
https://ift.tt/4g76NzI
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply