BJP ने सालभर के अंदर बदला झारखंड का कार्यकारी अध्यक्ष, आदित्य साहू की नियुक्ति के साथ ही OBC वोटबैंक पर टिकी नजर

BJP ने सालभर के अंदर बदला झारखंड का कार्यकारी अध्यक्ष, आदित्य साहू की नियुक्ति के साथ ही OBC वोटबैंक पर टिकी नजर

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू को बीजेपी की झारखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. अपनी नियुक्ति पर साहू ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके लिए पार्टी और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है. वह ईमानदारी, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ बीजेपी की सेवा करते रहेंगे.

बीजेपी की ओर से दिन में जारी बयान में बताया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह नियुक्ति की है. साहू पूर्व सांसद रवींद्र कुमार राय की जगह लेंगे, जिन्हें राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल अक्टूबर में यह प्रभार सौंपा गया था. राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को हराकर सत्ता कायम रखा. साल 2022 में उन्हें पार्टी के द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया और वह निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए थे.

सालभर में ही हटाए गए रवींद्र राय

अब रवींद्र कुमार राय की नियुक्ति के एक साल के अंदर ही उन्हें हटाए जाने का फैसला पार्टी की राज्य इकाई को पुनर्गठित करने और देश के पूर्वी राज्य में संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने के प्रयास को रेखांकित करता है. वहीं कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर साहू ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और अन्य नेताओं को उन पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद दिया.

साहू ने आज शुक्रवार को रांची में कहा, “मैं साल 1980 से ही बीजेपी कार्यकर्ता हूं और ईमानदारी, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ पार्टी की सेवा करता रहूंगा. मेरे लिए पार्टी और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होंगे.”

मैं नई जिम्मेदारी पर खरा उतरूंगाः आदित्य साहू

प्रदेश के नए कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू जब आज रांची के हरमू रोड स्थित पार्टी के प्रदेश ऑफिस पहुंचे तो जहां पार्टी के कई नेताओं ने उनका स्वागत किया, इस दौरान नव नियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष ने संगठन के शीर्ष नेताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे नई जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर मैं खरा उतरूंगा.

आदित्य साहू ने अपने शुरुआती दिनों के संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, “कैसे साल 1980 में जब वह मैट्रिक के छात्र थे तब उन्हें चुनाव के वक्त पर्ची काटने का काम दिया गया था , तब के चुनाव के वक्त लोगों में यह भय होता था कि कहीं कोई अन्य दलों के लोग गांव में पैसा बांटकर वोट ना ले ले, ऐसे में पार्टी ने चुनाव के वक्त 1980 में पर्ची काटने की जिम्मेदारी दी थी, तब कड़ाके की ठंड में भी वह पार्टी के लिए समर्पित होकर काम करते थे.”

उन्होंने कहा, “पार्टी ने मुझ जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता को आगे चलकर जिला उपाध्यक्ष बनाया. उसके बाद पार्टी ने संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारी देते हुए चार बार प्रदेश कार्यसमिति का लगातार सदस्य बनाए रखा. साथ ही मैंने झारखंड प्रदेश बीजेपी के दो-दो बार संगठन महामंत्री के रूप में भी काम किया. इन सब जिम्मेदारियां को मैं निभाता रहा हूं और अब मुझे कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मुझे दी गई है, मैं इस जिम्मेदारी का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा.”

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नाता रखने वाले आदित्य साहू को झारखंड प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने झारखंड में ओबीसी वर्ग को अपने वोटबैंक के रूप में साधने की एक बड़ी कोशिश की है. साहू रांची के कूचु गांव के रहने वाले हैं और चार दशकों से भी लंबे समय से वह बीजेपी से जुड़े हुए हैं. उनकी जनता के बीच गहरी पकड़ मानी जाती है. वर्तमान में वह बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं. उन्होंने लंबे समय तक बच्चों को पढ़ाने का भी काम किया.

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