हरियाणा में MBBS एंट्रेंस एग्जाम में घोटाले का आरोप:HC का केंद्र-रोहतक PGI को नोटिस; पूर्व सैनिकों की रिजर्व सीटें स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को दी
हरियाणा में MBBS प्रवेश प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। पिछले साल की तरह दाखिले में घोटाले का आरोप लगाया गया है। देव धारीवाल और अन्य अभ्यर्थियों ने नियमों के खिलाफ प्रवेश देने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट को बताया गया कि इस वर्ष भी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली कर पात्र उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया और सीटों का आवंटन नियमों के विपरीत किया गया है। याची पक्ष के वकील प्रदीप सौलथ ने बेंच को बताया कि याचिकाकर्ता दिव्यांग पूर्व सैनिकों के आश्रित हैं और उन्होंने पूर्व सैनिक कोटे के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्रवेश कमेटी ने अवैध रूप से पूर्व सैनिकों की निर्धारित सीटों को स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के नाम कर दिया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह पूरी तरह से सरकार की अधिसूचनाओं के विरुद्ध है। इस साल नीट परीक्षा 2025 में हरियाणा से 60 हजार 687 छात्रों ने पंजीकरण कराया था और परीक्षा दी थी। सरकार पूर्व सैनिक कोटे की सीटों का नियम बना चुकी प्रदीप सोलथ ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने 27 अक्टूबर 2021 और 20 अप्रैल 2022 की अधिसूचनाओं में साफ कर दिया था कि केवल वे सीटें, जो पूर्व सैनिक कोटे से रिक्त रह जाएं, उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र केवल हरियाणा के मुख्य सचिव द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके बावजूद प्रवेश कमेटी ने कई संदिग्ध और कथित रूप से झूठे प्रमाण पत्रों को स्वीकार कर लिया। याचिका में ये दिए गए तर्क याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि आजादी के 78 वर्ष बाद किसी स्वतंत्रता सेनानी का पोता या पोती 18 वर्ष की आयु का होना संभव नहीं है। ऐसे में प्रस्तुत किए गए अधिकांश आश्रित प्रमाण पत्र अविश्वसनीय प्रतीत होते हैं। उन्होंने कमेटी पर आरोप लगाया कि वास्तविक पात्र उम्मीदवारों को वंचित कर ऐसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीटें बांटी गईं। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रवेश कमेटी ने ईडब्ल्यूएस-दिव्यांग श्रेणी की रिक्त सीटों को भी संबंधित पात्र उम्मीदवारों को देने के बजाय सामान्य ईडब्ल्यूएस आवेदकों को आवंटित कर दिया। इससे कई दिव्यांग अभ्यर्थी प्रवेश के अधिकार से वंचित रह गए। केंद्र और रोहतक पीजीआई को नोटिस पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और पीजीआई रोहतक की प्रवेश कमेटी को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब देने के लिए तलब किया है। अदालत ने पूछा है कि नियमों की स्पष्ट व्याख्या होने के बावजूद सीटों का गलत आवंटन क्यों किया गया और फर्जी प्रमाण पत्रों को किस आधार पर स्वीकार किया गया।
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