Gen Z अपना हक मांग रहे… मुफ्ती ने बताया क्यों भारत-पाकिस्तान के लिए ये है चेतावनी
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है.लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनों के दौरान कई नागरिकों की मौत हुई और लगभग 172 पुलिसकर्मी जख्मी हुए, जिनमें से 12 की हालत गंभीर बताई गई है. इस पूरे मामले पर जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से लेकर लद्दाख और पीओओके तक Gen Z का उदय हो रहा है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, क्योंकि जब आपका भविष्य अंधकारमय लगे और आपके सपने चकनाचूर हो जाएं तो प्रतिरोध की कोई सीमा नहीं होती. ये वो युवा हैं जिन्होंने भविष्य के लिए कड़ी मेहनत की, कड़ी मेहनत से पढ़ाई की, हर नियम का पालन किया और उम्मीद की किरण थामे रहे.
वे सिर्फ विरोध नहीं कर रहे…
पूर्व सीएम ने कहा कि लेकिन अब उन्हें उस भविष्य का वादा हाथ से जाता हुआ दिखाई दे रहा है. वे सिर्फ़ विरोध नहीं कर रहे हैं. वे सत्ता का सामना सच्चाई से कर रहे हैं क्योंकि जिस व्यवस्था पर उन्हें विश्वास करने के लिए कहा गया था, उसी ने उन्हें बुरी तरह निराश किया है.
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि ये सिर्फ शोर नहीं है. ये दिल टूटने का प्रतिरोध है. ये विद्रोह नहीं, बल्कि अस्तित्व की पुकार है. वे अब और कुछ नहीं मांग रहे. वे वही मांग रहे हैं जो उनका हक है, जवाबदेही, न्याय, अवसर और गरिमा. यह हमारे देश भारत और यहां तक कि पड़ोसी पाकिस्तान के लिए भी एक चेतावनी है.
पीओके में क्या हो रहा?
बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में प्रदर्शन हो रहा है. जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएसी) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर इस हड़ताल का आह्वान किया था. हड़ताल के दौरान विरोधी समूहों ने एक साथ प्रदर्शन किए और एक-दूसरे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया.
जेकेजेएएसी ने 38-सूत्रीय मांगें जारी की थी, जिसमें शरणार्थियों के लिए 12 आरक्षित सीटों को समाप्त करने और ‘कुलीन वर्ग के विशेषाधिकारों’ को वापस लेने की मांग शामिल थी. मंत्री तारिक फजल चौधरी ने कहा कि जेकेजेएसी की अधिंकाश मांगें पहले ही स्वीकार कर ली गई हैं.
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