दुश्मन के ड्रोन को तबाह कर देगा ये ‘छोटू’, ऑपरेशन सिंदूर 2.0 को मिल गया नया साथी

दुश्मन के ड्रोन को तबाह कर देगा ये ‘छोटू’, ऑपरेशन सिंदूर 2.0 को मिल गया नया साथी

रूस-यूक्रेन जंग हो या फिर इजराइल-ईरान वॉर… यहां तक कि पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर से घबराए पाकिस्तान की ओर से भारत पर किए गए हमले. दो देशों के बीच भले ही जंग का तरीका एक जैसा ही हो लेकिन हथियार अब बदल चुके हैं. जंग में अब बड़े टैंक और हवाई जहाज़ ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे ड्रोन ने जगह ले ली है. ये ड्रोन अब युद्ध के बड़े हथियार बन चुके हैं. कभी कैमरे से निगरानी करने वाले ये ड्रोन अब बम और हथियार लेकर सैन्य ठिकानों तक पहुंच रहे हैं. उनकी खासियत यह है कि वे सस्ते होते हैं, आसानी से बनाए जा सकते हैं और झुंड में हमला करके दुश्मन की भारी-भरकम रक्षा प्रणालियों को भी चकमा दे सकते हैं.

ड्रोन का मुकाबला करने के लिए पहले से ही कई हथियार मौजूद हैं. कहीं लेज़र से ड्रोन को जलाकर गिराया जाता है, तो कहीं रेडियो जैमर से उनका सिग्नल काट दिया जाता है. लेकिन असली समस्या है इसके छोटे आकार, झुंड और तेज रफ्तार. इसी चुनौती को देखते हुए स्वीडन की रक्षा कंपनी साब (Saab) ने 2024 में एक नई मिसाइल लॉन्च की है. जिसका नाम है निंब्रिक्स (Nimbrix) .यह कंपनी की पहली ऐसी मिसाइल है जो खासतौर पर छोटे ड्रोन और उनके झुंड से निपटने के लिए बनाई गई है. साब का कहना है कि यह मिसाइल कम लागत में बनाई गई है और इसे आसानी से तैनात किया जा सकता है. इससे सेनाओं को ज्यादा खर्च किए बिना आधुनिक खतरे से निपटने में मदद मिलेगी.

Nimbrix 2

हल्की और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन

लंबाई: 1 मीटर से कम
वजन: 3 किलोग्राम से भी कम

सैनिक इसे आसानी से अपने साथ ले जा सकते हैं. इसे ट्राइपॉड पर लगाया जा सकता है या किसी गाड़ी पर फिट किया जा सकता है. ज़रूरत पड़ने पर इसे स्थाई ठिकानों पर भी लगाया जा सकता है. यह मिसाइल ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ तकनीक से लैस है. मतलब, एक बार दागने के बाद सैनिक को इसे नियंत्रित करने की ज़रूरत नहीं पड़ती. इसमें एक्टिव इंफ्रारेड सीकर लगा है, जो खुद लक्ष्य को पहचानकर उसे ट्रैक करता है और जाकर सीधा टकराता है.

40 मिमी का खास एयर-बर्स्ट वारहेड

निंब्रिक्स में 40 मिमी का खास एयर-बर्स्ट वारहेड है. यह दुश्मन के ड्रोन के पास जाकर हवा में फटता है और उसके टुकड़े कई दिशाओं में फैल जाते हैं. अगर सामने से ड्रोन का झुंड आ रहा हो, तो यह एक साथ कई ड्रोन गिरा सकता है. यही वजह है कि इसे ड्रोन वाले झुंड के लिए खास हथियार कहा जा रहा है.

ब्रह्मोस और अग्नि-V पर निर्भरता होगी कम

स्वीडिश रक्षा कंपनी Saab ने अपने छोटे आकार और कम लागत वाले एंटी-ड्रोन मिसाइल निम्ब्रिक्स को भारत में लोकल प्रोडक्शन के साथ पेश करने का ऐलान किया है. महज 2-5 किलोमीटर की रेंज वाला यह फायर-एंड-फॉरगेट सिस्टम ड्रोन के झुंड को नेस्तनाबूद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूत करेगा. इस एंटी-ड्रोन मिसाइल की खास बात ये हैं कि ये दुश्मन के छोटे और सस्ते ड्रोन के लिए तैयार किया गया है. इसके भारतीय रक्षा हथियारों में शामिल होने से ब्रह्मोस और अग्नि-V जैसी महंगी मिसाइलों पर से निर्भरता कम होगी.

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