लखनऊ में दुर्गा मां की मूर्तियों का विसर्जन:नम आंखों से भक्तों ने मां को विदा किया, क्रेन की मदद ली
लखनऊ में गुरुवार को नवरात्रि खत्म होने पर पंडालों में स्थापित माता की मूर्तियों का विसर्जन किया गया। डीजे पर भक्ति गीत के साथ ढोल नगाड़े और यादों के साथ मां की विदाई करने के लिए गोमती नदी के झूलेलाल पार्क में बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा। डालीगंज मुख्य सड़क से लेकर मूर्ति विसर्जन स्थान तक पूरी तरह से भक्तिमय माहौल था। मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम की ओर से गोमती तट पर बड़े- बड़े गढ़े खोदे गए है। अंतिम विदाई के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया। 2 तस्वीरें देखिए.., मां शक्ति, विश्वास और तमाम उम्मीदें लेकर आती हैं मूर्ति विसर्जन करने आए वी.के तिवारी ने बताया- कैसरबाग स्थित मॉडल हाउस से आए हैं। जहां उदयपुर के श्रीनाथजी मंदिर के तर्ज पर पंडाल को सजाया गया था। उन्होंने कहा कि दुर्गा मां जब आती है तो अपने साथ शक्ति, विश्वास और तमाम उम्मीदें लेकर आती हैं। मां की विदाई विसर्जन के रूप में होती है पंडाल में उनकी स्थापित होने के बाद हम लोग पूजा अर्चना करके कामनाएं करते हैं। मगर जब मन हमारे बीच से विदा होती है तो हम लोगों की आंखें नम हो जाती हैं। हम नहीं चाहते की मां को घर से विदा करें। मगर यह एक संस्कृति और परंपरा है कि विजयदशमी पर दुर्गा मां की विदाई विसर्जन के रूप में होती है।
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