जालौन में नवरात्रि के बाद दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जित:विधि-विधान से हुआ विसर्जन, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जालौन में नवरात्रि के समापन अवसर पर गुरुवार को माता दुर्गा की प्रतिमाओं का भव्य और भावनात्मक माहौल में विसर्जन किया गया। दस दिनों तक पंडालों में विराजमान रहीं मां दुर्गा की प्रतिमाओं को भक्तों ने पूरे विधि-विधान और पूजा-अर्चना के बाद विसर्जित किया। शहर और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर शोभायात्राएं निकाली गईं, जिनमें श्रद्धालु भक्ति भाव में डूबे नजर आए। विसर्जन से पहले देवी मां की झांकियां द्वार-द्वार पहुंचीं। घरों के बाहर महिलाओं और बच्चियों ने माता के स्वागत में रंग-बिरंगी रंगोलियां बनाई थीं। श्रद्धालुओं ने माता की आरती उतारी और माथे पर टीका कर आशीर्वाद लिया। पूरे माहौल में बैंड-बाजों और ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई दी, वहीं युवा श्रद्धालु मां के जयकारों और धुनों पर झूमते-थिरकते दिखे। विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रशासन ने किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए पुलिस बल को तैनात किया। तालाब किनारे गोताखोरों की भी तैनाती की गई ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा या खतरे की स्थिति न हो। उरई में डीएम राजेश कुमार पाण्डेय और एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार स्वयं मौजूद रहे और उन्होंने पूरे विसर्जन कार्यक्रम का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की और त्योहार को मिल-जुलकर मनाने की परंपरा को हमारी सांस्कृतिक धरोहर बताया। वहीं जगह-जगह भक्तों ने भंडारे का आयोजन किया, जहां श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। बच्चे, युवा और महिलाएं सभी माता की विदाई में भावुक नजर आए। माता की विदाई के साथ ही पूरे जनपद में जयकारों की गूंज सुनाई देती रही।

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