गोरखपुर चिड़ियाघर में नए वन्य जीव और सुविधाओं का विस्तार:4.24 करोड़ का बजट स्वीकृत, कर्मचारियों के वेतन- संरचनाओं में सुधार

गोरखपुर प्राणी उद्यान की छठवीं समिति बैठक प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण अनिल कुमार की अध्यक्षता में बापू भवन, लखनऊ में आयोजित की गई। बैठक में प्राणी उद्यान निदेशक विकास यादव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अनुराधा वेमुरी, सरकार द्वारा नामित सदस्य अरविंद विक्रम चौधरी, मैनेजिंग डायरेक्टर वन निगम ए.के. सिंह और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। भारतीय वन्य जीव संस्थान और आईवीआरआई बरेली के विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजनाओं की प्रस्तुति प्राणी उद्यान निदेशक विकास यादव ने समिति को आगामी वित्तीय वर्ष में किए जाने वाले कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। इसमें वन्य जीवों की नई प्रजातियों का आगमन, बाड़ों और संरचनाओं का निर्माण, रखरखाव और दर्शकों के आकर्षण के लिए प्रस्तावित सुविधाएं शामिल हैं। समिति ने यह निर्णय लिया कि प्राणी उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ाने और अनुभव को रोचक बनाने के लिए गुजरात के जामनगर और वनतारा से जेब्रा, चिंपांजी, हुक्कू बंदर, लायन टेल्ड मकाक तथा विदेशी पक्षी जैसे फ्लेमिंगो और मकाऊ लाए जाएँ। समिति ने इस सुझाव को पूर्ण रूप से मंजूरी दी। कर्मचारियों के वेतन और प्रबंधन में सुधार कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि पर समिति ने सहमति दी। अरविंद विक्रम चौधरी ने कहा कि कम वेतन पर कर्मचारियों के लिए संचालन करना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही वन्य जीवों के बढ़ते संख्यात्मक प्रबंधन के लिए नए बाड़ों और संरचनाओं के निर्माण हेतु अतिरिक्त बजट भी स्वीकृत किया गया। सरकार द्वारा प्राणी उद्यान के लिए 100 करोड़ रुपए का कार्पस फंड अलॉट किया गया था, जिसमें से अब तक केवल 25 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं। समिति ने शेष राशि यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इसी क्रम में 50 करोड़ रुपए वन निगम से प्राप्त करने के निर्देश प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह को दिए गए। सुविधाओं और पर्यटन आकर्षण का विकास बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्राणी उद्यान के कैफेटेरिया, 7D थिएटर और पार्किंग को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पर्यटन विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। इसके अलावा हाथियों और गैंडों के प्रजनन के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।

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