कभी नहीं छोड़ेंगे परमाणु हथियार…UN में बोला उत्तर कोरिया, अमेरिका-जापान पर साधा निशाना
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का 80वां सत्र खत्म हो चुका है. इस दौरान कई छोटे से लेकर बड़े देशों के नेताओं ने स्पीच दी. इसी सत्र में चार साल बाद उत्तर कोरिया ने पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. और इसी मंच से सीधे तौर पर ऐलान कर दिया कि उसका परमाणु कार्यक्रम अब उनकी संप्रभुता का हिस्सा है. उप-विदेश मंत्री किम सोन ग्यो ने जोर देकर कहा कि चाहे कितनी भी पाबंदियां हों, उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार कभी नहीं छोड़ेगा.
किम सोन ग्यो ने अपने भाषण में कहा कि इसे छोड़ने की मांग करना, उत्तर कोरिया से उसकी पहचान और संविधान छीनने जैसा है. निरस्त्रीकरण की कोई भी शर्त उनके लिए आत्मसमर्पण के बराबर होगी. ये बयान अमेरिका पर भी सीधा हमला था, क्योंकि ट्रंप कई मौके पर उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार के निरस्त्रीकरण की बात कर चुके हैं.
किम-जोंग उन और अमेरिकी कनेक्शन
किम जोंग उन पहले भी कह चुके हैं कि उनका परमाणु शस्त्रागार अब कभी भी सौदेबाजी का औजार नहीं बनेगा. डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में कई दौर की बातचीत के बावजूद, परमाणु निरस्त्रीकरण और प्रतिबंध हटाने पर सहमति नहीं बन पाई. अपने संबोधन में उत्तर कोरिया ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यासों को बढ़ता हुआ आक्रमण का खतरा बताया. किम सोन ग्यो ने कहा कि यही वह कारण है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए परमाणु हथियार ज़रूरी हैं.
दक्षिण कोरिया के क्या आरोप हैं?
दक्षिण कोरिया के अनुसार, उत्तर कोरिया इस समय चार यूरेनियम संवर्धन साइट्स चला रहा है, जिसमें मशहूर योंगब्योन सुविधा भी शामिल है. दावा है कि इन संयंत्रों की सेन्ट्रीफ्यूज मशीनें रोजाना चालू रहती हैं. यही वजह है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका, प्योंगयांग के परमाणु प्रसार को क्षेत्रीय खतरा मानते हैं.
दिलचस्प बात ये है कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट कहती है कि सिर्फ उत्तर कोरिया ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी नौ परमाणु संपन्न देश अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, फ्रांस, ब्रिटेन, इजराइल और उत्तर कोरिया तेजी से अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं.
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