गाजा पर अमेरिका की शर्तों को मानेगा हमास? फिलिस्तीन में अब भी है इतनी ताकत

गाजा पर अमेरिका की शर्तों को मानेगा हमास? फिलिस्तीन में अब भी है इतनी ताकत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए एक 20 प्वाइंट की डील पेश की है. इस डील कि शर्त है कि हमास को अपने हथियार छोड़ने होंगे. साथ ही हमास की सुरंगों और हथियार निर्माण सुविधाओं को नष्ट कर दिया जाएगा. अब इन शर्तों के बीच हमास इस डील पर तैयार होगा या नहीं, यह बहुत बड़ा सवाल है. इन शर्तों से सीधे हमास की ताकत पर वार किया गया है. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस डील पर सहमति जताई है. अब सभी की निगाह हमास पर टिकी है. इस बीच चलिए जानते हैं कि हमास कितना ताकतवर है, उसके पास कितने लड़ाके और कितने हथियार हैं.

2023 ही वो साल था जब दुनिया के कई लोगों ने प्रमुखता से हमास का नाम सुना. हमास ने साल 2023 में 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था. इस हमले के बाद से ही हमास सुर्खियों में बना हुआ है. हमास ने इजराइल के लगभग 1,200 लोगों की हत्या और 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया था. इसी के बाद से इजराइल और हमास के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई थी. अब उसी हमास के सामने शांति के लिए ट्रंप ने शर्त रखी है कि उसको अपने हथियार छोड़ने होंगे. साथ ही प्लान में यह भी कहा गया है कि हमास को भविष्य की सरकार में किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं दी जाएगी.

क्या है हमास?

हमास की शुरुआत 1987 में हुई थी. यह इजराइल के अस्तित्व का विरोध करता है और कहता है कि वो जमीन फिलिस्तीनियों की है. हमास चाहता है कि इजराइल की जगह एक इस्लामी राज्य बने, जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक, पूर्वी यरूशलम और गाजा तक फैला हो.

बीबीसी के मुताबिक, 7 अक्टूबर के हमलों से पहले, हमास के पास लगभग 30 हजार लड़ाके माने जाते थे. लेकिन, अगस्त 2024 में इजराइल ने कहा कि उसकी सेनाओं ने उनमें से 17 हजार से ज्यादा को मार गिराया है.

कितनी है हमास की ताकत?

रॉयटर्स के मुताबिक, इजराइली युद्ध की शुरुआत के बाद से हमास ने 10,000 से 15,000 सदस्यों की भर्ती की है. हमास की सशस्त्र शाखा के प्रवक्ता अबू उबायदा ने जुलाई में कहा था कि समूह ने हजारों नए लड़ाकों की भर्ती की है. इसका मतलब है कि हमास लगातार युद्ध के दौरान भी अपनी ताकत को बढ़ाने में लगा रहा. जहां एक तरफ इजराइल से युद्ध में उसके कई लड़ाके मारे गए. वहीं, वो गुप्त रूप से भर्ती भी करता रहा.

Hamas (2)

हमास के पास कितने हथियार

ट्रंप ने गाजा डील में शर्त रखी है कि हमास को अपने हथियारों को नष्ट करना होगा. हथियारों को नष्ट करने का मतलब यह समझना सही होगा कि हमास को अपनी ताकत को छोड़ना होगा. इस बीच देख लेते हैं कि इस समूह के पास कितने हथियार हैं.

INSS के मुताबिक, युद्ध की शुरुआत में हमास के पास हजारों हल्के हथियार थे. जैसे कालाश्निकोव असॉल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, मशीन गन और बड़ी मात्रा में ग्रेनेड, आईईडी. INSS के अनुसार, 7 अक्टूबर को, हमास की बटालियनों के पास बड़े पैमाने के एंटी-टैंक हथियार थे. इन हथियारों में आरपीजी रॉकेट लॉन्चर और कई तरह की घातक कॉर्नेट मिसाइलें शामिल थीं.

INSS के मुताबिक, युद्ध की शुरुआत में हमास के पास 18,00030,000 रॉकेट और मिसाइलें थीं. उनमें से ज्यादातर शॉर्ट-रेंज (लगभग 10 किमी तक), कुछ मीडियम-रेंज (लगभग 40 किमी तक) और कुछ लॉन्ग-रेंज (लगभग 160250 किमी तक) की थीं. हमास के पास फोटोग्राफी, आक्रमण ड्रोन (UAVs) भी मौजूद हैं.

हथियार कहां से आते हैं?

एपी की जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी स्नाइपर राइफलें, चीन और रूस से AK-47 असॉल्ट राइफलें, नॉर्थ कोरिया और बुल्गारिया में बने रॉकेट-प्रेरित ग्रेनेड, गाजा में गुप्त रूप से बनाए गए एंटी-टैंक रॉकेट यह सभी हथियार हमास के पास हैं.

असोसिएटेड प्रेस के विश्लेषण के अनुसार, अक्टूबर 7, 2023 के हमले के बाद पिछले तीन महीनों में लिए गए 150 से अधिक वीडियो और फोटो दिखाते हैं कि मिलिटेंट समूह ने दुनिया भर से हथियारों का एक पैचवर्क असेंबल इकट्ठा किया है. जिनमें से ज्यादातर 17 साल के नाकाबंदी के बावजूद तस्करी के जरिए गाजा में पहुंचाए गए.

ऑस्ट्रेलिया आधारित आर्मामेंट रिसर्च सर्विसेज के निदेशक एन.आर. जेनजे जोन्स ने कहा, हमास के ज्यादातर शस्त्र रूसी, चीनी या ईरानी मूल के हैं, लेकिन नॉर्थ कोरियाई हथियार और पूर्व वारसा-पैक देशों में बने हथियार भी गोदाम में मौजूद हैं.

कहां फंसेगा डील पर पेंच

गाजा डील पर पेंच फंस सकता है. डील को देखा जाए तो जैसी शर्तें हमास के लिए रखी गईं उसको लेकर यह नहीं कहा जा सकता कि हमास इस पर सीधे तौर पर राजी हो जाएगा. डील में हमास को हथियार छोड़ने, सुरंग नष्ट करने के लिए कहा गया है. इसका सीधा मतलब है गाजा और फिलिस्तीन से हमास की ताकत को खत्म कर देना.

साथ ही डील में कहा गया है कि हमास को भविष्य की सरकार में किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं दी जाएगी. इन शर्तों पर पेंच फंस सकता है. हालांकि, इन सबके बीच नेतन्याहू ने हमास को चेतावनी दे दी है. नेतन्याहू ने कहा है कि हमास अगर गाजा डील की शर्तें नहीं मानता ह तो इजराइल उस पर हमला करेगा और इसमें उसका साथ अमेरिका देगा.

कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र के खुफिया प्रमुख ने हमास के वार्ताकारों (negotiators) से मुलाकात की और ट्रंप की 20 प्वाइंट गाजा डील के बारे में जानकारी दी. एक अधिकारी ने एबीसी न्यूज को इसकी जानकारी दी. अधिकारी के अनुसार, हमास के वार्ताकारों ने कहा कि वो इस डील को लेकर अभी रिव्यू करेंगे और फिर अपना जवाब देंगे.

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