चांदी की लगातार बढ़ रही साख, दिल्ली में कीमत पहुंची 1.5 लाख, कब पहुंचेगी 2 लाख?
देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज से लेकर दिल्ली के सर्राफा बाजार तब चांदी की साख में लगातार इजाफा देखने को मिला है. मौजूदा साल में देश की राजधानी में अब तक चांदी की कीमत में 67 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. जोकि गोल्ड के रिटर्न से काफी ज्यादा है. सोमवार को हद तो तब हो गई, जब दिवाली से करीब 3 हफ्ते पहले चांदी के दाम 1.5 लाख रुपए के लेवल को पार कर गए. जिसका कारण सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा है.
वैसे कुछ जानकारों का कहना है कि चांदी ओवर वैल्यूड हो गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में चांदी की कीमतें कम हो सकती है. वहीं कुछ का कहना है कि चांदी ने 1.5 लाख रुपए का मनोवैज्ञानिक लेवल पार कर लिया है. अब इसकी कीमतें आने वाले दिनों में और भी ज्यादा देखने को मिलेंगी. मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होने तक चांदी के दाम 2 लाख रुपए के लेवल को भी टच कर सकते हैं. इसका मतलब है कि अगले 6 महीनों में चांदी के दाम में 50 हजार रुपए का इजाफा और देखने को मिल सकता है.
जानकारों का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर एंड का ये टारगेट तभी संभव है, जब डिमांड-सप्लाई जो रेश्यो मौजूदा समय में है वैसा ही रहे. जियो पॉलिटिकल टेंशन से लेकर ट्रेड टेंशन का आलम ऐसा ही रहे. साथ ही डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखने को मिले. अगर इनमें कुछ भी ऊपर नीचे रहता है, तब भी चांदी की कीमतें 31 मार्च 2026 तक 1.75 लाख रुपए के आसपास दिखाई दे सकती हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर देश के वायदा बाजार तक सोने और चांदी के दाम किस लेवल पर पहुंच गए हैं.
दिल्ली में चांदी 1.5 लाख रुपए के पार
सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में में चांदी की कीमतें 7,000 रुपये बढ़कर 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गईं. खास बात तो ये है कि देश की राजधानी दिल्ली में चांदी की कीमतों में लगातार चौथे दिन इजाफा देखने को मिला था. पिछले कारोबार में यह सफेद धातु 1,43,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. अगर बात मौजूदा कैलेंडर वर्ष की बात करें तो चांदी की कीमतों में 60,300 रुपए यानी 67.22 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. जबकि 31 दिसंबर, 2024 के दिन दिल्ली में चांदी की कीमतें 89,700 रुपए प्रति किलोग्राम देखने को मिली थी. जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में चांदी की कीमतों में और भी इजाफा देखने को मिल सकता है.
2 लाख तक जा सकते हैं दाम?
जानकारों का कहना है कि दिवाली तक चांदी के दाम 1.5 लाख रुपए से 1.65 लाख रुपए के बीच रहने के आसार हैं. लेकिन 2 लाख रुपए का लेवल छूने के चांदी को कम से कम 5 महीने यानी मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के एंड तक का इंतजार करना पड़ सकता है. ये लेवल भी तब ही संभव हो सकेगा, जब मौजूदा फैक्टर लगातार 6 महीनों तक काम करते रहेंगे. इसका मतलब है कि सप्लाई में गिरावट जारी रहना, डिमांड में तेजी रहना, ट्रेड और पॉलिटिकल टेंशन बरकरार रहना और सबसे अहम बात डॉलर इंडेक्स में गिरावट. यही वो तमाम कारण हैं, जिन्होंने चांदी की कीमतों को नए लेवल पर पहुंचा दिया है.
अगर इनमें से कुछ कारण काम नहीं भी करते हैं, तब भी फाइनेंशियल ईयर के एंड तक चांदी की कीमतें 1.75 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक दिखाई दे सकती हैं. अगर मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें तो दिल्ली में गोल्ड की कीमतों में 47 हजार रुपए यानी 45.63 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. खास बात तो ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष के 6 महीने करीब करीब बीत चुके हैं.
मार्च महीने के आखिरी कारोबारी दिन दिल्ली सर्राफा बाजार में गोल्ड के दाम 1.03 लाख रुपए थे. अगर वित्त वर्ष 2026 के खत्म होने तक चांदी की कीमतें 2 लाख रुपए के लेवल पर पहुंचती है तो चांदी के दाम में 94 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल सकता है. अब ये वक्त ही बताएगा कि चांदी की कीमत आने वाले 6 महीनों में चांदी की कीमतें किस लेवल पर आती हैं.
वायदा बाजार में भी रिकॉर्ड लेवल पर चांदी
वहीं दूसरी ओर देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर दिखाई दे रही हैं. सोमवार को एमसीएक्स पर चांदी की कीमतों में 1,210 रुपए के इजाफा देखने को मिला और 1,43,099 रुपए के साथ मार्केट बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान चांदी की कीमतें 1,44,179 लाइफ टाइम हाई पर दिखाई दी. जानकारों की मानें तो यहां पर भी दाम जल्द ही डेढ़ लाख रुपए पर दिखाई दे सकती हैं. वैसे सितंबर के महीने में चांदी की कीमतों में 21,226 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. वहीं दूसरी ओर मौजूदा साल की बात करें तो देश के वायदा बाजार में चांदी की कीमतों में 60 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है.
गोल्ड भी रिकॉर्ड हाई पर
वहीं दूसरी ओर गोल्ड की कीमतें भी रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच रही हैं. साथ ही 1.25 लाख रुपए के मनोवैज्ञनिक लेवल को छूने की कोशिश में लगी हैं. सोमवार को सोने कीी कीमतों में 1500 रुपए प्रति दस ग्राम का इजाफा देखने को मिला और कीमतें 1,19,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गईं. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 1,500 रुपए बढ़कर 1,19,500 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई.
शनिवार को यह 1,18,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना भी 1,500 रुपए बढ़कर 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले सत्र में 1,17,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था. इस साल अब तक, पीली धातु की कीमतों में 40,550 रुपए यानी 51.36 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जबकि 31 दिसंबर, 2024 को सोने के दाम 78,950 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थे.
अभी और आ सकती है तेजी
ब्रोकरेज फर्म ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती से सोने जैसी नॉन यील्ड वाली संपत्तियों को रखना और भी आकर्षक हो गया है, क्योंकि केंद्रीय बैंक अभी भी आक्रामक रूप से खरीदारी कर रहे हैं. भूराजनीति में अनिश्चितता और व्यापक जोखिम निवेशकों को सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की ओर आकर्षित कर रहे हैं. त्रिवेश ने आगे कहा कि चांदी की कीमत में और भी ज़्यादा तेज़ी आई है.
जो इस साल 55 प्रतिशत तक पहुंच गई है और 46 डॉलर प्रति औंस से भी ज़्यादा कीमत पर कारोबार कर रही है, जो मज़बूत औद्योगिक मांग, खासकर सोलर पैनलों और तकनीक की वजह से है. उन्होंने आगे कहा कि आपूर्ति की कमी बाज़ार को और भी तंग कर रही है और अगर मांग में तेज़ी जारी रही तो हम तेज़ी से और भी तेज़ी की उम्मीद कर सकते हैं. यह अनिश्चितता के चरम पर कीमती धातुओं के फलने-फूलने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
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