पूर्व विधायक इरफान सोलंकी का भाई कानपुर जेल से रिहा:रोते हुए बोला- तीन साल बेगुनाही की सजा काटी, मां को छू भी नहीं पाता था
कानपुर जेल में बंद सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी सोमवार शाम रिहा हो गए। वह करीब 34 महीने बाहर आए। रिजवान को जेल से लेने उनकी मां खुर्शीदा बानो और परिवार के अन्य लोग पहुंचे थे। जेल से रिहाई के बाद रिजवान सोलंकी सबसे पहले पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की बड़ी ईदगाह स्थित कब्रगाह पहुंचे। रिजवान ने कहा- तीन साल बेगुनाही की सजा काटी, अपनी मां, बच्चों और परिवार से दूर रहा। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक आए। फफकते हुए कहा, जेल में मां से एक जालीनुमा खिड़की से मुलाकात होती थी। मां को छूने तक नहीं मिलता था। बच्चों को देख नहीं पाता था, आज घर जाकर मां से सिर पर हाथ रखवाऊंगा। इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी को पुलिस ने 2 दिसंबर, 2022 को जेल भेजा था। हाल ही में इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी की जमानत हाईकोर्ट ने मंजूर की है। रिजवान कानपुर जेल में थे तो इरफान महराजगंज जेल में बंद हैं। इरफान की भी एक-दो दिन में रिहाई हो सकती है। 2 फोटो देखिए… अब विस्तार से पढ़िए… 25 सितंबर को हाईकोर्ट से हुई थी बेल
गैंगस्टर एक्ट के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। 17 सितंबर को इरफान, रिजवान, शौकत पहलवान, एजाज उर्फ अज्जन, मुरसलीन भोलू, इजराइल आटेवाला के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट में आरोप तय किए गए थे। जिसके बाद 25 सितंबर को इरफान व रिजवान सोलंकी को हाईकोर्ट से बेल मिल गई थी। आज शाम करीब 8:15 पर रिजवान सोलंकी को जेल से रिहा किया गया। इसके बाद वह अपने भाइयों से गले मिल कर रोए। बच्चे मुजतबा व जीनिया ने देखते ही पिता को गले से लगा लिया। उन्होंने कहा, 34 महीने बेगुनाही की जेल काटी हम लोगों ने, आज अपनी मां से सिर पर हाथ रखवाने का मौका मिलेगा मुझे। जाली से मुलाकात होती थी, मां की उंगली तक छूने को नहीं दी जाती थी। बच्चों तक को हम लोग नहीं देख पाते थे। अब उस मामले को जानिए, जिसमें इरफान को 7 साल की सजा हुई MP-MLA कोर्ट ने आगजनी मामले में 7 साल की सजा सुनाई
7 जून, 2024 को इरफान सोलंकी को कानपुर की MP-MLA कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई थी। 30 हजार 500 का जुर्माना भी लगाया गया था। इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के अलावा उसके साथियों इसराइल आटावाला, मो. शरीफ और शौकत अली को भी 7 साल की सजा सुनाई गई थी। जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य गुंडों पर पड़ोसी महिला नजीर फातिमा का प्लॉट में बने अस्थायी घर फूंकने का आरोप था। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उसका परिवार भाई की शादी में गया था। तभी रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी। साजिश के तहत ऐसा किया गया, जिससे वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि शौकत, शरीफ और इसराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना भी इस केस में शामिल थे। इरफान की 30 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी
गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद इरफान और उनके गैंग की करीब 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। साथ ही इरफान के 5 ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी। जिसमें संपत्तियों की लंबी फेहरिस्त मिली है। वहीं, जब इरफान कानपुर जेल में बंद थे, तब अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे। इसके बाद उन्हें महराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। 17 साल विधायक रहे इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे थे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली है। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे हैं। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। दोनों ही चुनाव में उन्होंने सपा के टिकट पर सीसामऊ सीट से चुनाव लड़ा। 2022 में भी सोलंकी को इसी सीट पर जीत मिली थी। साल 2003 में इरफान सोलंकी की नसीम सोलंकी के साथ शादी हुई थी, जिनसे उन्हें एक बेटा और दो बेटियां हैं। पेशे से कारोबारी इरफान सोलंकी का लेदर का कारखाना भी है। मोदी लहर में भाजपा जीत नहीं सकी सीट
मोदी लहर और भाजपा के गढ़ कानपुर में 2017 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट को कोई भेद नहीं सका था। इरफान सोलंकी लगातार तीसरी बार विधायक बने। इसके बाद वह चर्चा में आए। फिर 2022 में चौथी बार भी चुनाव जीते, भाजपा की कड़ी मशक्कत और मेहनत का नतीजा यह रहा था कि जीत का अंतर कम हो गया। करीब 12 हजार वोट से इरफान ने जीत हासिल की थी। —————- ये खबर भी पढे़ं… यूपी के भाजपा नेता और साथी का राजस्थान में मर्डर:सस्ता जनरेटर देने के बहाने बुलाया, हत्या करके कुएं में फेंकीं लाशें; भाई IRS-PCS बलिया के भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष और उनके साथी की राजस्थान में हत्या कर दी गई। ठगों ने सस्ता जेनरेटर देने का झांसा देकर बुलाया और रुपए लूटकर हत्या कर दी। शवों को अलग-अलग कुओं में फेंक दिया। पढ़ें पूरी खबर..
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